Wednesday, October 9, 2024

लखीमपुर में भाजपा विधायक को बार एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष ने जड़ा थप्पड़,वीडियो वायरल

लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी में बुधवार को एक बड़ी घटना सामने आई, जब अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद विधायक के समर्थकों ने अवधेश सिंह के साथ मारपीट की।

यह घटना अर्बन कोऑपरेटिव के डेलीगेट्स के नामांकन के दौरान हुई, जब कहासुनी के बाद विवाद बढ़ गया। मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन हंगामा काफी बढ़ चुका था।

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, और इस मामले में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

लखीमपुर खीरी में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के नामांकन की प्रक्रिया के दौरान तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब दो गुटों के बीच तगड़ा टकराव हुआ।

एक गुट का नेतृत्व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष और अर्बन बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह के पति, अवधेश सिंह कर रहे थे, जबकि दूसरा गुट सदर विधायक योगेश वर्मा के समर्थकों का था।

घटना की शुरुआत तब हुई जब आवास विकास कॉलोनी स्थित अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा में नामांकन प्रक्रिया के दौरान लगातार लोगों के नामांकन पत्र फाड़े जा रहे थे। पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम किए थे, लेकिन इसके बावजूद यह अव्यवस्था जारी रही।

जब स्थिति बिगड़ने लगी और नामांकन प्रक्रिया में बाधा आने लगी,तो किसी ने इसकी जानकारी सदर विधायक योगेश वर्मा को दी।

विधायक ने तुरंत अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुँचकर हस्तक्षेप किया, जिसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी बढ़ गई और यह विवाद हिंसक हो गया।

इस घटना के बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया और पुलिस को बीच-बचाव में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। दोनों पक्षों के बीच विवाद के चलते माहौल में तनाव बना हुआ है, और प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहा है।

बताया जा रहा है कि लखीमपुर खीरी की इस घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। जैसे ही विधायक योगेश वर्मा बैंक की ओर बढ़े, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह सामने आ गए। दोनों के आमने-सामने आते ही तीखी बहस शुरू हो गई, और इसी बीच अचानक अवधेश सिंह ने विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मार दिया। यह घटना अप्रत्याशित थी, और मौके पर मौजूद पुलिस भी इसे रोकने में विफल रही।

हालात तब और बिगड़ गए जब अवधेश सिंह के समर्थकों ने भी विधायक पर हमला किया, उन्हें थप्पड़ मारे और जमीन पर गिरा दिया। पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन विवाद तब तक काफी बढ़ चुका था। इस मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे इस मुद्दे ने और तूल पकड़ लिया है।

यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति में तनाव का संकेत है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठाती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

लखीमपुर खीरी में अर्बन बैंक के चुनाव के दौरान नामांकन प्रक्रिया सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक जारी रही, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना रहा। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें कई थानों की फोर्स के साथ एडीएम संजय सिंह, एएसपी नैपाल सिंह, सीओ सिटी रमेश कुमार तिवारी, एसडीएम सदर अभिषेक कुमार और शहर कोतवाल अंबर सिंह समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।

सदर विधायक योगेश वर्मा ने इस चुनाव प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाए। उनका कहना था कि कुछ लोग बैंक पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इस बैंक के 12,500 सदस्य हैं, जिनके अंशदान से बैंक चलती है।

उन्होंने सवाल उठाया कि इन सदस्यों को नामांकन प्रक्रिया में भाग लेने से क्यों रोका जा रहा है और प्रशासन मूकदर्शक क्यों बना हुआ है, केवल तमाशा देख रहा है?

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की उपस्थिति के बावजूद तनाव कम नहीं हो रहा। विधायक के आरोपों ने इस मामले को और संवेदनशील बना दिया है, जिससे चुनाव में और विवाद की संभावना बढ़ गई है।

 

एडीएम संजय सिंह ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अर्बन बैंक चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और किसी प्रकार की धांधली नहीं हो रही है।

उन्होंने सदर विधायक योगेश वर्मा पर हुए कथित हमले की घटना से इनकार करते हुए कहा कि यदि ऐसी कोई घटना हुई है, तो उसकी जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि विधायक योगेश वर्मा को मारपीट का सामना करना पड़ा। वीडियो में दिख रही हिंसा के बावजूद, एडीएम का इस घटना से इनकार करना सवालों के घेरे में है। यह घटना प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह उत्पन्न कर रही है, क्योंकि वीडियो और अधिकारियों के बयान में अंतर नजर आ रहा है।

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