सहारनपुर। शक्ति अराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू होने जा रहा है। पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन होगा। ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल के मुताबिक 30 साल के बाद नवरात्र पर कई सुयोग बन रहे हैं। नवरात्र के शुभारंभ में सूर्योदय के वक्त कन्या लग्न में सूर्य बुध का बुध आदित्य योग बन रहा है और बुध ग्रह को देवी का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। अधिक शुभ योग चंद्र और मंगल का महालक्ष्मी योग भी धन स्थान में बन रहा है।30 साल के बाद शशयोग का निर्माण भी शनिदेव कर रहे हैं। इस कारण यह नवरात्रि खासतौर से शुभकारी है। नवरात्र तो शुरू हो रहे हैं साथ ही पूजा की थाली और फल भी 20 फीसद तक महंगे हो गए हैं।
सहारनपुर में प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित मां शाकम्बरी देवी सिद्ध पीठ पर कल से ही मेले का आयोजन शुरू हो जाएगा। जो 28 अक्टूबर तक चलेगा। मान्यता है कि देवी मां के दर्शनमात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कथा के मुताबिक जब दुर्गमासुर नामक राक्षस के आतंक से तीनों लोक त्राहि-त्राहि करने लगे तब देवताओं की विनती पर मां शाकम्बरी प्रकट हुई और उन्होंने इस राक्षस का अंत किया। मां शाकम्बरी देवी के दरबार में दूर-दूर से भक्त आते हैं। यह स्थान सहारनपुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर है। इस शक्तिपीठ की गिनती देश के 51 पवित्र शक्तिपीठों में की जाती है। तीर्थ के निकट क्षेत्र में बाबा भूरादेव और छिन्न मस्तिका और रक्त दंत मंतिका मंदिर भी आते हैं। मां शाकम्बरी देवी आदिशक्ति का ही स्वरूप है।
सिद्धपीठ में बने माता के पावन भवन में माता शाकम्बरी देवी, भीमा, भ्रामरी और शताक्क्षी देवी की भव्य एवं प्राचीन मूर्तियां स्थित है। प्राचीन युग में जब राक्षसों के घोर पाप के कारण सृष्टि पर अकाल पर गया था तब मां जगदंबा प्रकट हुई और अपनी माया के चमत्कार से पृथ्वी लोक से भूख और प्यास को दूर कर दिया।
मार्केंडेय पुराण के अनुसार इस स्थान पर गौरी नारायणी का शीश गिरा था। वहां सूक्ष्म रूप में मां भगवती निवास करती हैं। शाकम्बरी देवी स्थल पर लगने वाले मेले की व्यवस्थाओं का जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने निरीक्षण किया और मेले की सुरक्षा व्यवस्था परखी। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र और मेला प्रबंधकों से कहा कि मेले में सुरक्षा संबंधी कोई भी लापरवाही ना बरती जाए और श्रद्धालुओं को देवी दर्शन और पूजा आदि में कोई कठिनाई पेश न आए।
मेले की सुरक्षा व्यवस्था ड्रोन के जरिए की जाएगी। बेहट से शाकम्बरी देवी के रास्ते में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए सड़क किनारे 20 अस्थाई यात्री शेड और पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। पेयजल के लिए आठ टैंकर और ढाई सौ पेयजल टोटियों की व्यवस्था की गई है। सौ अस्थाई शौचालय बनाए गए हैं। 20 स्नान घर, 25 महिला शौचालय, 9 लोहे के अस्थाई पुल गए हैं और प्रकाश व्यवस्था के लिए एलईडी लगाई गई है। 25 फीसदी कैमरे लगाए गए हैं और बले के बाजार के बीच में आने’जाने के लिए सड़क को चौड़ा भी किया गया है। एसडीएम बेहट दीपक कुमार को व्यवस्थाओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।