लखनऊ। संभल हिंसा और अजमेर दरगाह के सर्वे पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि हिंदुस्तान में एक बार फिर से तबाही का माहौल बनाया जा रहा है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि जिस तरह से देश में यह नया चलन शुरू हुआ है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजे जा रहे हैं, हर मकान के नीचे मंदिर तलाशे जा रहे हैं, क्या वह देश को फिर से एक बार गृह युद्ध के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं? देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और प्रधानमंत्री मोदी सबके विश्वास की बात कर रहे हैं। इसके बावजूद देश को तबाही और बर्बादी की ओर ले जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि संभल में जो हुआ, वह एक खून की होली थी, जो पूरी तरह से तबाही का रूप ले चुकी थी। महिलाओं की गोदें उजड़ीं, औरतों के सुहाग लूटे गए। क्या यही होना चाहिए था? अजमेर दरगाह का इतिहास 800 साल पुराना है, वहां पर भी मंदिर ढूंढे जा रहे हैं।
इस दरगाह पर मुसलमानों से ज्यादा हिंदू जाते हैं, यहां इंसानियत और भाईचारे का संदेश दिया जाता है, लेकिन अब यहां भी मंदिर बनाने की बात हो रही है। बाबरी मस्जिद के बाद हर जगह मंदिर बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्तान में चाहे हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों या ईसाई हों, सब के पास मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च हैं। यह धर्म का मामला नहीं है, बल्कि लोगों की आस्था का सवाल है। अब फैजाबाद में जो कतार लगी थी, वह पूरी तरह से रद्द हो गई। लाइट्स, फ्लाइट्स, और आस्था का सवाल अब कहां चला गया? जब इंसान को शांति की जरूरत होगी तो वह मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, या चर्च जाएगा। धर्म के नाम पर कोई भी मतभेद नहीं होना चाहिए।
इस देश को तबाही से बचाने के लिए हम सबको खड़ा होना होगा, हर उस चेहरे को पहचानना होगा जो हिंदुओं को मुसलमान से और मुसलमानों को हिंदू से लड़वाने की बात कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश इतना बड़ा है, इतना विशाल है, यहां जमीन की कोई कमी नहीं है। अगर मंदिर बनाना है तो कहीं भी बनाइए, कोई एतराज नहीं है। लेकिन मस्जिदों के नीचे जाकर शिवलिंग या मंदिर ढूंढने की कोशिश न कीजिए। इस तरह के प्रयास केवल देश की शांति और अमन को नष्ट करने के लिए किए जा रहे हैं। हम सबको एकजुट होकर इस मुल्क में लड़ाई-झगड़ा नहीं होने देंगे। अगर हम एकजुट हो गए तो हिंदुस्तान फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा।