मुजफ्फरनगर। कलेक्ट्रेट पहुंचे भोजन माताओं को क्रांति सेना महिला मोर्चा का समर्थन मिला। जिलाध्यक्ष पूनम चौधरी ने ग्राम प्रधानों और प्रधानाध्यापकों को कड़ी चेतावनी दी। भोजन माताओं का आरोप है कि उन्हें ₹2000 का मानदेय मिलता है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रधानाध्यापक उन्हें खाना बनाने के अलावा स्कूल की सफाई जैसे अन्य काम भी सौंपते हैं। उनका कहना है कि ग्राम प्रधान भी प्रधानाध्यापकों के साथ मिलकर भोजन माताओं से अपना काम करवाते हैं।
शिवसेना जिला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान अपने घरों का खाना भी इन्हीं भोजन माताओं से बनवाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक भोजन माता को तो ग्राम प्रधान ने हटा भी दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूनम चौधरी ने शासन और प्रशासन से यह मांग की कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो क्रांति सेना महिला मोर्चा सड़कों पर प्रदर्शन करेगा और गांव के प्रधान का हिसाब खुद लिया जाएगा।