नयी दिल्ली। वर्ष 2024-25 के आम बजट में भारतीय रेलवे के लिए सकल राजस्व व्यय दो लाख 78 हजार 500 करोड़ रुपए होने का अनुमान व्यक्त किया गया है जिसमें दो लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय शामिल है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश आम बजट में ये प्रस्ताव किये हैं। अनुदान मांगों के दस्तावेज के अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय 2,78,500 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान यह दो लाख 58 हजार 600 करोड़ रुपये था। इस प्रकार से सकल राजस्व व्यय 19 हजार 900 करोड़ रुपए अधिक है।
बजट अनुमान 2024-25 में रणनीतिक लाइनों के संचालन पर घाटे की प्रतिपूर्ति 2648 करोड़ रुपये रखी गई है, जबकि पुनरीक्षित अनुमान 2023-24 में यह राशि 2491.84 करोड़ रुपये थी। राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए बाजार की ऋण सेवा के लिए बजट 2024-25 में 745 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
बजट प्रस्तावों में पूंजीगत व्यय के प्रावधान परिसंपत्तियों, अधिग्रहण, निर्माण और प्रतिस्थापन के लिए हैं जिन्हें सकल बजटीय सहायता (रेलवे सुरक्षा निधि और राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष सहित) और रेलवे के आंतरिक संसाधनों के रूप में सामान्य राजस्व से प्राप्त धनराशि से पूरा किये जाने का प्रस्ताव है। इसमें निर्भया फंड से भी प्रावधान शामिल है।
आम बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए प्रदान किए गए दो लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय में सामान्य राजस्व से दो लाख 52 हजार करोड़ रुपए, निर्भया कोष से दो सौ करोड़ रुपए, आंतरिक संसाधन से तीन हजार करोड़ और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से दस हजार करोड़ रुपए शामिल हैं। वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय दो लाख 40 हजार करोड़ रुपए था।
बजट अनुमान 2024-25 में यात्री, माल, अन्य कोचिंग, विविध अन्य मदों और रेलवे भर्ती बोर्डों आदि से राजस्व सहित रेलवे की कुल प्राप्तियां दो लाख 78 हजार 500 करोड़ रुपये रखी गई हैं, जबकि पुनरीक्षित अनुमान 2023-24 में यह दो लाख 58 हजार 600 करोड़ रुपये थी।