Sunday, September 8, 2024

वेतनभाेगियों को मानक छूट की राहत, विदेशी कंपनियों पर कर में कमी

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के लिए मंगलवार को प्रस्तुत पूर्ण बजट में वेतनभागी आयकर दाताओं को राहत देते हुए मानक कटौती को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये करने की घोषणा की तथा नयी व्यक्तिगत कर व्यवस्था में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव किया।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

 

उन्होंने विदेशी कंपिनयों पर कार्पोरेट कर को 40 प्रतिशत से कम कर 35 प्रतिशत करने की भी घोषणा की है। बजट में गैर सूचीबद्ध कंपनियों / स्टार्टअप आदि द्वारा शेयरों के आवंटन से जुटाए जाने वाले धन पर एंजल कर को समाप्त करने का बड़ा प्रस्ताव भी किया गया है। यह कर शेयर के अनुमानित बाजार मूल्य से ऊपर की प्राप्त राशि पर लगया जाता हैं। विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

 

 

इसी तरह व्यक्तिगत आयकर दरों के संबंध में, नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों के लिए दो घोषणाएं है। पहला, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक छूट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे नई कर व्यवस्था में लगभग चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार हेतु, नयी पेंशन योजना (एनपीएस) में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और उपक्रमों में नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 प्रतिशत तक व्यय की कटौती का प्रावधान करने का प्रस्ताव है।

 

 

श्रीमती सीतारमणन ने प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों के शुरू में कहा, “ आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी। धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव है। इसी तरह अनेक भुगतानों पर पांच प्रतिशत टीडीएस (कर पर कटौती) की दर को घटा कर दो प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है।” बजट में ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से कम करके 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। साथ ही, टीसीएस की राशि को वेतन पर कटौती किए जाने वाले टीडीएस की गणना में लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है।

 

 

उन्होंने कहा कि आगे कोई कर निर्धारण, निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन वर्षों के बाद केवल तभी फिर से खोला जा सकेगा जब निर्धारण वर्ष के समाप्त होने से लेकर अधिकतम पांच वर्षों की अवधि तक कर से छूट प्राप्त आय 50 रुपये लाख या उससे अधिक हो। इसी तरह सर्च (छापे) संबंधी मामलों में भी, दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर छापे के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव है। सरकार का कहना है कि इससे कर-अनिश्चितताओं और विवादों में कमी आएगी। बजट में परिसंपत्तियों पर कैपीटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव है। अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए, “विवाद से विश्वास योजना”, 2024 का प्रस्ताव किया गया है। कर प्राधिकरणों , उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख, दो करोड़ और पांच करोड़ तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

 

भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और इनोवेशन को समर्थन देने के लिए, निवेशकों के सभी वर्गों के लिए “एंजेल टैक्स” को समाप्त करने का प्रस्ताव है। देश में घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए एक सरल कर व्यवस्था का प्रस्ताव है।

 

वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आय कर की नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना को निम्नानुसार संशोधित करने का प्रस्ताव हैः
शून्य से 3 लाख रुपए तक शून्य, तीन से सात लाख रुपए तक को पांच प्रतिशत कर, सात से 10 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया है।

 

इन संशोधनों के परिणामस्वरूप, नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में 17,500 तक कर लाभ होगा। उन्होंने बताया कि दो तिहाई व्यक्तिगत आय करदाता अब नयी कर व्यवस्था को अपना रहे हैं।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय