शामली। सूबे में सरकारी एंबुलेंस सेवा का जमकर दुरूपयोग हो रहा है, जो एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल ले जाने और लाने के लिए तैनात की गई हैं, और नियमानुसार जिनका लाभ उठाने के लिए पहले हेल्पलाइन से प्रमीशन लेनी पड़ती है, उन एंबुलेंस में परिवार सफर करते हुए चाट पकौड़ी और रिश्तेदारियों में सैर सपाटा करते हुए नजर आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला शामली में देखने को मिला। शामली में गुरूद्वारा रेलवे क्रासिंग पर भीषण जाम के बावजूद भी एक सरकारी एंबुलेंस तेजी से रांग साइड से निकलकर शामली की तरफ बढ़ती नजर आई। एंबुलंस की बत्तियां जली होने के कारण लोगों ने एंबुलेंस को रास्ता दिया, लेकिन एंबुलेंस रेलवे क्रासिंग से निकलने के बाद शामली में एक कढ़ी चावल की दुकान के बाहर खड़ी हो गई। इस दौरान एंबुलेंस से एक महिला और तीन बच्चे उतरे, जिनके साथ एंबुलेंस को चला रहा चालक भी दुकान में घुसकर जलपान करता हुआ दिखाई दिया।
पूछताछ करने पर एंबुलेंस को चला रहे व्यक्ति ने बताया कि वह परिवार समेत राखी बांधने के लिए सहारनपुर से बागपत जिले में जा रहा है। उसे एंबुलैंस को सर्विस के लिए मेरठ ले जाना है, राखी बंधवाने के बाद वह मेरठ का सफर करेगा। गौरतलब है कि एंबुलेंस सेवा से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। प्रत्येक एंबुलेंस के संचालन पर सरकार लाखों रूपए खर्च करती है, लेकिन एंबुलैंस का इस्तेमाल मरीजों के बजाय सैर सपाटे, टोल टैक्स बचाने और किसी भी स्थान पर तेजी से पहुंचने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि आपातकालीन सेवा से संबंध होने के कारण एंबुलेंस की चेकपोस्ट पर भी चेकिंग नही की जाती है।