नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने गुरुवार को बतौर राज्यसभा सांसद शपथ ली। सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं। गौरतलब है कि सोनिया गांधी लगातार लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंचती रही हैं। लेकिन, यह पहला अवसर है, जब वह राज्यसभा सांसद के तौर पर संसद में नजर आएंगी।
गुरुवार को सोनिया गांधी के अलावा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व 14 अन्य व्यक्तियों ने राज्यसभा सांसद की शपथ ली। अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा से राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली, कर्नाटक से कांग्रेस के अजय माकन, उत्तर प्रदेश से भाजपा के आरपीएन सिंह व पश्चिम बंगाल से समिक भट्टाचार्य शपथ लेने वाले सांसदों में शामिल रहे।
गुरुवार को हुए राज्यसभा सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सभी नेताओं को शपथ दिलाई।
सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्विरोध चुनी गई हैं। वह 1999 से लगातार लोकसभा चुनाव जीतती आ रही थीं। सोनिया गांधी 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से जीतकर लोकसभा पहुंचीं थीं। इसके बाद सोनिया ने अपनी सास और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनावी क्षेत्र रह चुके रायबरेली सीट को अपने संसदीय क्षेत्र के रूप में चुना। वह यहां से 2004, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची थी।
अब लगभग 57 साल बाद यह पहला अवसर है, जब नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य राज्यसभा जा रहा है। सोनिया गांधी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व उमा नेहरू राज्यसभा पहुंची थीं।
एक ओर जहां सोनिया गांधी की राज्यसभा में एंट्री हो रही है, वहीं दूसरी और कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हो गए। दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे 91 वर्षीय मनमोहन सिंह के लिए बतौर सांसद यह आखिरी पारी थी।
मनमोहन सिंह लगभग 33 वर्ष तक राज्यसभा के सांसद रहे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में नई वित्तीय व प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत की। वर्ष 1991 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे। उसी साल वह 1991 से 1996 तक तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री और 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।