नोएडा। स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने का प्रयास किया है। इसी कड़ी में जिला संयुक्त अस्पताल, तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी)- भंगेल, दादरी और बादलपुर में रोजाना महिला नसबंदी सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। यदि किसी महिला को स्वेच्छा से नसबंदी अपनानी है तो वह सीधे इन चारों स्वास्थ्य केन्द्रों पर से किसी पर, किसी भी दिन जा सकती है। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने दी।
डा. भारत भूषण ने बताया- परिवार नियोजन सेवाएं (महिला नसबंदी) उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिन निर्धारित किये हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसरख और दनकौर में हर मंगलवार को, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जेवर पर हर गुरुवार को और सीएचसी डाढ़ा पर हर माह के दूसरे शुक्रवार और चौथे शुक्रवार को सेवा उपलब्ध रहेगी। इसी तरह पुरुष नसबंदी सेवा रोजाना जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ड़ाढ़ा में उपलब्ध है। इच्छुक पुरुष कभी भी इस सेवा का लाभ ले सकते हैं।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ अभिषेक सिंह ने बताया- परिवार नियोजन की अन्य सेवा, बास्केट ऑफ च्वाइस- त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, छाया, कॉपर-टी, कंडोम जिला अस्पताल से लेकर सभी सब सेंटर तक पर उपलब्ध है। इसके अलावा हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन कर परिवार नियोजन सेवाओं की विस्तार से जानकारी दी जाती है।
यहां उपलब्ध है प्रसव सुविधा
डा. भारत भूषण ने बताया- जनपद में दस स्वास्थ्य केन्द्रों जिला अस्पताल, सीएचसी भंगेल, सीएचसी बादलपुर, सीएचसी दादरी, सीएचसी बिसरख, सीएचसी ढाडा कासना, पीएचसी दनकौर,पीएचसी जेवर,पीएचसी रबुपुरा, पीएचसी बरौला पर प्रसव सुविधा उपलब्ध है। इनमें चार एल-3 फैसिलिटी हैं, जो फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) के रूप में काम करती हैं। यहां अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से रेफर होकर प्रसूता यहां आती हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी भंगेल, सीएचसी बादलपुर, सीएचसी दादरी एफआरयू के रूप में क्रियाशील हैं।
उन्होंने बताया-संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इसी क्रम में हर महीने की एक, नौ,16 और 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया जाता है। इन दिवसों पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती की पहचान की जाती है।