Monday, April 29, 2024

स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है तनाव

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

– आर.पी. भारद्वाज

आज ऐशो-आराम के साधन बढ़ते ही जा रहे हैं किन्तु इसके साथ-साथ हम मन में तनाव का रोग भी पाले जा रहे हैं। तनाव न केवल कई रोगों को जन्म देता है वरन मनुष्य की जीवन-शक्ति भी हर लेता है।

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आधुनिकता की चकाचौंध ने ऐसा माहौल बना दिया है कि व्यक्ति न चाहते हुए भी ऐसे कार्यों को अंजाम देता है जिनमें रिस्क अधिक होते हैं फायदा कम। मसलन आप शादी-शुदा हैं और परिवार की जरूरतें काफी बड़ी हैं और आपका गुजारा बड़ी मुश्किल से चल पाता है। ऐसे में अधिक बोझ आपके मन पर रहेगा जिससे कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर हृदयाघात (दिल का दौरा) हाइपरटेंशन या एंजाइना पेन आदि रोग पनप सकते हैं।

आइये अब जानें कि तनाव होता क्यों है?
आपकी बेटी जवान हो गई है तो दहेज में पर्याप्त धन न दे पाना उसका प्रमुख कारण हो सकता है। पत्नी रोज-रोज आपको याद दिलायेगी तथा आप पैसे की समस्या में उलझ जायेंगे तथा उसकी प्राप्ति के लिए उल्टे-सीधे तरीके अपनाने शुरू करेंगे मसलन ब्याज पर पैसे लेने की शुरूआत करेंगे। एक बार इस चंगुल में फंस गए तो बाहर निकलना मुश्किल होगा। ब्याज न चुका पाने की एवज में आपको जमीन, मकान आदि गिरवी भी रखना पड़ सकता है। ये सभी चीजें तनाव का कारण बन जाती हैं जो सेहत के लिए हानिकारक भी है।

इतना करने पर भी आपको लगा कि समस्या पर काबू पा लिया, किस्मत ने तभी आपको दगा दिया। बेटी को पति निकम्मा मिल गया, आए दिन पैसे की मांग करेगा, कभी उसे घर भेजेगा या कभी उसकी इतनी पिटाई करेगा कि बेचारी रोते-रोते मार सहती रहेगी। अगर तब भी उसने नहीं छोड़ा तो मारने के लिए बहाने ढूंढेगा ताकि उसकी इच्छाएं पूरी होती रहें। ये सभी कारण एक अच्छे खासे व्यक्ति को भी तनावग्रस्त कर सकते हैं।

कभी-कभी गृह क्लेश तलाक तक ले जाता है। पति पत्नी में मनमुटाव, आम सहमति की जगह असहमति की नीति, एक दूसरे की भावनाओं की कदर करने के बजाए असम्मान की भावना दर्शाना आदि कारण भी आपको तनाव की तरफ धकेलते हैं।

आम तौर पर तनाव आदमी में गुस्सा ले आता है और जब गुस्सा किसी पर हावी हो जाए तो सिवाए नुक्सान के और कुछ नहीं देता। इसलिए तनाव से हमेशा बचना चाहिए।तनाव में व्यक्ति असहाय हो जाता है। अपने भी पराए नजर आते हैं। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और मनुष्य डिप्रेशन जैसी बीमारी की तरफ अग्रसर हो जाता है यानी आत्महत्या भी कर सकता है।

मानसिक रूप से तनाव काफी नुकसान पहुंचाता है। पत्नी अगर सहयोगपूर्ण साथ न निभाये तो पति के लिए और दुखदपूर्ण समस्या हो जाती है। उसे दोहरे मापदंड वाली जिंदगी जीने पर मजबूर होना पड़ता है। अपना तनाव कम करने के लिए वह बाहर सहयोगी तलाशता है तथा इसी से परिवार में और भी तनाव व्याप्त कर लेता है।

पत्नी को जब पता चलता है तब घर में क्लेश शुरू हो जाता है। इससे पड़ोसी तक भी प्रभावित होते हैं और वह खुद भी मुसीबतों में घिर जाता है। उसे जीवन बेमतलब नजर आता है और उसे खत्म करने के उपाय रोज-रोज तलाशता है, कभी शराब पीकर, कभी जुआ खेलकर, कभी अनचाहे नशे मसलन अफीम, गांजा कोकीन आदि का सेवन करके पर से मन को कभी शांति नहीं मिलती, उल्टे तनाव ही बढ़ता है।

तनाव में अक्सर व्यक्ति पूर्ण नींद भी नहीं सो पाता। जब तक नींद पूर्ण रूप से नहीं आयेगी, डॉक्टरों के अनुसार तब तक कोई भी व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ नहीं हो सकेगा और तनावरहित जीवन नहीं जी सकेगा। तनाव कैसे कम हों, इस पर विचार करें।

सबसे पहले मन में आत्मविश्वास पैदा करें। मन को कार्य में लगाए रखें। प्रत्येक दिनचर्या नियमित रूप से निभाएं। सबसे प्रमुख कार्य यह है कि मन को भगवान में रमाएं। सुख: शांति की कामना करें। व्यक्तिगत समस्याएं मिल-जुलकर निबटाएं। बात-चीत का मार्ग उत्तम होता है। उसे अंतिम सांस तक जारी रखें। चकाचौंध से चौंधियाएं नहीं अपितु कड़ी मेहनत व लगन से अपने को स्थापित करें।

सुबह-शाम टहलें, बच्चों में ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करें। पति-पत्नी प्यार का वक्त निकालें, थोड़ी-बहुत नोंक-झोंक करते रहें तथा विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुरायें। मुस्कुराहट हमेशा आपको तनाव से दूर रखेगी। तनावरहित रहिये तथा जिंदगी का आनंद लीजिए।

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