नोएडा। हरदोई के रहने वाले दस वर्षीय सोनू की जांघ की हड्डी सांप की तरह टेढ़ी थी और एक टांग भी दूसरी से तीन इंच छोटी थी। बचपन से यह दिक्कत बनी थी | वह न तो दौड़ पाता था और न ही ठीक से चल पाता था। अभिभावक सब जगह से उम्मीद खो चुके थे, उनको लगता था कि अब उनका बेटा कभी ठीक से चल नहीं पायेगा।
बच्चे के नाना की सलाह पर उसे पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (चाइल्ड पीजीआई) में दिखाया गया। संस्थान के शिशु अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ अंकुर अग्रवाल की टीम ने गत बृहस्पतिवार को हड्डी को सीधा करके इलिज़ारोव फ्रेम से स्थिर किया है। उसकी टांग की मांसपेशियों को सधी हुई वर्जिशों से मजबूत बनाया जा रहा है।
डॉ अंकुर अग्रवाल ने बताया- एक्स-रे और जांचों से पाता चला कि सोनू की दाहिने जांघ की हड्डी टेढ़ी है। हड्डी के अंदर की जगह जहां मेरु रज्जा होती है वह ठोस हो चुकी है। ऐसे में इलाज के लिए बहुत कम साधन रह जाते हैं। सोनू का इलाज रूसी इलिज़ारोव विधि से करने का निश्चय किया गया।
पांच घंटे चली शल्य-क्रिया से सोनू की जांघ की हड्डी को सीधा करके इलिज़ारोव फ्रेम से स्थिर किया। सोनू अब स्वास्थ्य लाभ पा रहा है। उसकी टांग की मांसपेशियों को सधी हुई वर्जिशों से मजबूत बनाया जा रहा है। फिलहाल उसे सहारे से खड़ा किया जा रहा है। अगले कुछ महीनो में उसकी टांग की लम्बाई को विकर्षण करके धीरे धीरे सामान्य लम्बाई पर लाया जायेगा। इसके बाद वह ठीक से चल सकेगा।
डॉ अंकुर अग्रवाल ने बताया – रूसी इलिज़ारोव विधि टांग की विषमताओं के लिए काफी प्रचलित है, परन्तु इसका जांघ की हड्डी के उपचार के लिए प्रयोग काफी चुनौती पूर्ण है।
निश्चेतना विभाग के प्रमुख डॉ मुकुल जैन ने बताया- ऐसी लम्बी शल्य क्रियाओं में रक्त स्राव कम करने के लिए मरीज के ब्लड प्रेशर को निम्न रखना होता है, जो कि काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
संस्थान के निदेशक डॉ (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने मरीज के माता पिता को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया – चाइल्ड पीजीआई शिशु अस्थि रोगों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा रेफरल सेंटर बनकर उभरा है।
गौरतलब है डॉ (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता के प्रयासों से राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) और चाइल्ड पीजीआई में कई विभागों के सुपर-स्पेशयलिटी क्लीनिक शुरू हुए हैं। इससे गौतमबुद्ध नगर और आसपास के जिलों की जनता को अब दिल्ली के चक्कर नहीं काटने पड़ते, नजदीक ही सुलभ उपचार मिल जाता है। डॉ. गुप्ता जिम्स और चाइल्ड पीजीआई के निदेशक हैं।