नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने प्राथमिक विद्यालयों के लिए 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नयी चयन सूची तैयार करने का उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को स्थगित कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उच्च न्यायालय के अगस्त में पारित आदेश के खिलाफ रवि कुमार सक्सेना और 51 अन्य की ओर से दायर याचिका पर यह निलंबन आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा कि वह मामले में अंतिम सुनवाई करेगी और 23 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में याचिका पर सुनवाई तय करेगी। पीठ ने संबंधित पक्षों के अधिवक्ताओं को संक्षिप्त लिखित नोट (सात पृष्ठों से अधिक नहीं) दाखिल करने को कहा।
उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ रवि कुमार सक्सेना और 51 अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी, रंजीत कुमार, गोपाल शंकरनारायणन और अन्य की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने यह आदेश दिया। उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी रखा।
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव समेत अन्य को नोटिस भी जारी किया।
उच्च न्यायालय ने संबंधित राज्य प्राधिकारियों द्वारा जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी सहायक शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द कर नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 13 मार्च 2023 के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली महेंद्र पाल और अन्य द्वारा दायर 90 अपीलों का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित अधिकारियों को तीन महीने के भीतर एक नई चयन सूची जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।