नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने सिंह की जमानत याचिका को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के साथ ही टैग करने का आदेश दिया है। संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है। सात फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि संजय सिंह के पास जांच से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं जो कि सार्वजनिक नहीं हैं। चार अक्टूबर 2023 को छापे के दौरान संजय सिंह के आवास से कुछ ईडी के दफ्तर से खींचे गए फोटो मिले थे। ये फोटो गैरकानूनी तरीके से खींचे गए थे। संजय सिंह इस मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं।
इससे पहले हाई कोर्ट ने आठ जनवरी को ईडी को नोटिस जारी किया था। संजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं, वह यह मानने के लिए पर्याप्त है कि संजय सिंह दोषी हैं।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपित एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद अगर बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉन्ड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती। कोर्ट ने कहा था कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिये सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए। दिनेश अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी। इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने संजय सिंह को चार अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।