Wednesday, January 22, 2025

स्टालिन के बेटे उदयनिधि के खिलाफ मुकदमे की याचिका पर तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु में दो सितंबर को आयोजित ‘सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन’ की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच और वहां के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर शुक्रवार को नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के वकील बी जगन्नाथ की याचिका पर नोटिस जारी किया।

पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया।

याचिकाकर्ता के एक वकील ने कहा कि अगर यह किसी व्यक्ति विशेष के धर्म के खिलाफ बयानबाजी का मामला होता तो इसे समझा जा सकता था। उन्होंने कहा,“लेकिन यहां एक मंत्री और राज्य मशीनरी एक विशेष धर्म के खिलाफ मोर्चा खोल रही है।”

शीर्ष अदालत ने वकील की इस दलील पर कि घृणास्पद भाषण से संबंधित समान मुद्दे लंबित हैं, मामले में नोटिस जारी किया।

याचिका में जगन्नाथ ने मंत्री उदयनिधि, डीएमके नेता पीटर अल्फोंस, ए राजा और थोल थिरुमावलवन और उनके अनुयायियों के खिलाफ सनातन धर्म या हिंदू धर्म के खिलाफ कोई भी नफरत भरा भाषण देने के खिलाफ निषेधाज्ञा की गुहार लगाई गई है।

जगन्नाथ ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से यह घोषणा करने की मांग की कि 2 सितंबर 2023 को आयोजित ‘सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन’ में राज्य के मंत्रियों की भागीदारी असंवैधानिक थी और संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन थी।

याचिकाकर्ता अपनी याचिका में तमिलनाडु राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि कर्नाटक के हिजाब मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार सभी माध्यमिक विद्यालयों में किसी भी हिंदू धर्म के खिलाफ कोई भी सम्मेलन नहीं होना चाहिए।

वकील की याचिका में शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया कि वह तुरंत राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दे कि सम्मेलन को पुलिस की अनुमति कैसे दी गई और उक्त सम्मेलन के लिए जिम्मेदार कथित अपराधियों तथा संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसके साथ ही याचिका में तमिलनाडु राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले के अनुसार नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए तुरंत एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!