नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया। अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, तो हम करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
आज चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कोर्ट में तलब किया। जब कोर्ट सुनवाई के लिए बैठी तो चीफ जस्टिस ने कहा कि कल दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाला वीडियो परेशान करने वाला है। ये समय है जब सरकार वाकई में काम करे। यह अस्वीकार्य है।
कोर्ट ने कहा कि किसी महिला का इस्तेमाल सांप्रदायिक विभाजन बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है। ये मानवाधिकार का सीधा-सीधा उल्लंघन है। ये लोकतांत्रिक संविधान के लिए ठीक नहीं है।