नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के बाद से अस्पतालों में पड़े 175 शवों के अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिन शवों पर परिवार ने दावा किया है, उनका अंतिम संस्कार 4 दिसंबर तक होगा। बाकी का एक हफ्ते बाद सरकार करेगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम संस्कार के इंतजार में मणिपुर के मुर्दाघरों में पड़े 175 शवों के बारे में चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि सूबे के हालात को देखते हुए मुर्दाघरों पर शवों का यूं पड़े रहना ठीक नहीं है। इसके जरिये माहौल को किसी भी तरह खराब रखने की कोशिश हो रही है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन 81 शवों की पहचान हो गई है और जिन पर उनके घरवालों ने दावा भी किया है, उन शवों का परिजन सरकार की ओर से चिह्नित किये गए 9 जगहों पर अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि 4 दिसंबर तक ये कवायद पूरी हो जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जिन 88 शवों की पहचान होने के बाद भी उन पर परिजनों ने दावा नहीं किया है, उनके लिए सरकार 4 दिसंबर तक घरवालों को फिर से सूचित करे। अगर घरवाले एक हफ्ते तक शवों को नहीं लेते हैं तो सरकार उनका अंतिम संस्कार कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि जिन 6 शवों की पहचान नहीं हुई है, उनका सरकार अंतिम संस्कार कर सकती है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि शवों के अंतिम संस्कार से पहले डीएनए नमूने लिए जाएं। कोर्ट ने राज्य के कलेक्टर और एसपी को शवों का अंतिम संस्कार गरिमापूर्ण तरीक़े से करने का निर्देश दिया है। यह भी आदेश दिया गया है कि अंतिम संस्कार के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने जैसे हालात पैदा नहीं होने चाहिए।