कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसे लेकर सियासत गरमा गई है। सुवेंदु अधिकारी की ओर से दिए गए बयान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सुवेंदु अधिकारी का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है, और वह केवल बाजार गर्म करने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।
कुणाल घोष ने कहा, “यह केवल एक नौटंकी है। देखिए गवर्नर हाउस में कौन है, भाजपा का आदमी है। दिल्ली में कौन सत्ता में है, भाजपा की सरकार है। सुवेंदु अधिकारी भाजपा के नेताओं से मिलते हैं। अगर वह सच में 356 की बात करना चाहते हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर यह मुद्दा उठाना चाहिए।” राज्यपाल के बयान पर भी कुणाल घोष ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्यपाल भाजपा के कार्यकर्ता की आवाज बन गए हैं।
जब भाजपा नेता नाकाम होते हैं, तो राज्यपाल राजनीतिक बयान देते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है। महिलाओं को बार में काम करने देने को लेकर अमित मालवीय द्वारा किए गए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट पर भी तृणमूल नेता ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अमित मालवीय के ट्वीट (पोस्ट) का बंगाल की धरती से कोई लेना-देना नहीं है। वह नहीं समझते कि बंगाल की नारी शक्ति ममता दीदी का समर्थन करती है।” सुकांत मजूमदार द्वारा सुवेंदु अधिकारी पर जानलेवा हमले के आरोप को कुणाल घोष ने खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए दिया गया बयान है। सुकांत मजूमदार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।” तृणमूल नेता कुणाल घोष ने डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के तबादले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक मामला है और सरकार का अधिकार है कि किसे कहां तैनात किया जाए। उन्होंने कहा, “लेफ्ट शासन में सीपीएम समर्थकों को पदस्थापित किया गया था, लेकिन अब प्रशासन पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है। अगर वे सरकारी नौकरी जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें काम करना चाहिए, अन्यथा उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए।”