नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन नियम 2024 (11 मार्च 2024 को अधिसूचित) के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की गुहार स्वीकार करते हुए कहा कि मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें मामले को सूचीबद्ध करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन याचिकाकर्ताओं को नागरिकता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
इससे पहले केरल की इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और अन्य ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर नागरिकता संशोधन नियम- 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने की गुहार लगाई थी।
डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक अलग याचिका में नागरिकता संशोधन नियमों को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि यह असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण, स्पष्ट रूप से मनमाना, अनुचित और तर्कहीन है।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से सीएए- 2019 और नियमों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।उनकी दलील है कि धर्म के आधार पर भेदभाव करने के कारण सीएए धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा की जड़ पर हमला करता है, जो संविधान की मूल संरचना है।