Tuesday, November 5, 2024

सदाबहार सेहत के लिए लें पौष्टिक आहार

सेहत बरकरार रखनी है तो व्यायाम, पौष्टिक आहार और सफाई का तो ध्यान रखना ही होगा। आजकल स्वस्थ रहने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। इस जागरूक दौर में हम सबको जानना जरूरी है कि पौष्टिक आहार फिट रहने का अहम हिस्सा है। आइए जानें पौष्टिक आहार का क्या रोल है हमारे स्वस्थ जीवन में।

खान-पान कैसा हो:-
पौष्टिक आहार का अर्थ है हम अपने भोजन के माध्यम से सभी पोषक तत्व प्राप्त कर सकें। इसके लिए हमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, विटामिन का लेना आवश्यक है। शरीर को सही ढंग से चलाने के लिए हर पोषक तत्व  की अपनी महत्ता होती है, जैसे कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा, प्रोटीन से मांसपेशियों की मजबूती और निर्माण में मदद। वसा हमारी ऊर्जा का बनाए रखने में मदद और खनिज तथा विटामिन्स शरीर की टूट फूट और अन्य कार्यों में मदद करते हैं।

पौष्टिक आहार के लाभ:-
पौष्टिक आहार हमेशा शरीर के सभी अंगों को सुचारू काम करने में मदद करता है।
पौष्टिक आहार एक ईंधन के बराबर है जिसकी आवश्यकता शरीर को नियमित रहती है।
पौष्टिक आहार हमारे शरीर का सुरक्षा कवच होता है जो शरीर के अंगों को शक्ति प्रदान करता है।

पौष्टिक आहार की कमी से नुकसान:-
हर आयु में पौष्टिक आहार अलग अलग तरीके से शरीर को पोषक तत्व देता है। इसकी कमी से उम्र के साथ साथ अलग अलग समस्याएं घेर लेती हैं।

बचपन से अगर पौष्टिक आहार न लिया जाए तो मधुमेह, रतौंधी और त्वचा संबंधी बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं।
वयस्कों को पौष्टिक आहार की कमी से दिल के दौरे, गठिया, मधुमेह और जीवन शैली संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
वृद्धावस्था में अगर सही पौष्टिक आहार न लिया जाए तो शरीर शिथिल जल्दी पड़ जाता है और धीरे धीरे कमजोरी के कारण सभी रोग घेर लेते हैं।
प्रोटीन की कमी से शरीर का सही विकास नहीं होता।

शरीर को कुछ फैट्स की जरूरत होती है। नियंत्रित मात्रा में कुछ फैट्स शरीर के लिए लाभप्रद होते हैं। इनका नियमित सेवन जरूरी है।
विटामिन्स की कमी आंखों की रोशनी को प्रभावित करती है।
गर्भवती महिला अगर पौष्टिक आहार नहीं लेती तो उसका बच्चा दुर्बल और विकार युक्त पैदा हो सकता है।  इसलिए गर्भवती महिला को पौष्टिक आहार अवश्य देना चाहिए।

क्या करें, क्या न करें:-
अपने खान-पान में बदलाव लाकर पौष्टिकता पर पूरा ध्यान दें।
जब भी प्यास लगे, निर्मल जल पिएं। कोल्ड ड्रिंक्स या डिब्बा बंद जूस का सेवन न करें।
छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी, ताजे फलों का रस भी ले सकते हैं। दिन भर में 3 लिटर पानी अवश्य पिएं। इससे शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है।
हर रंग के एक कटोरी ताजे फल अपनी डाइट में अवश्य शामिल करें।
नाश्ता अवश्य करें ताकि दिन भर शरीर को ऊर्जा मिल सके। नाश्ता फाइबर युक्त हो तो अच्छा है।

शाकाहारी लोग प्रोटीन हेतु सोयाबीन, टोफू, दही, दूध, दालें अवश्य पर्याप्त मात्रा में लें और मांसाहारी लोग अंडे, चिकन और मछली के सेवन से प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।
मुट्टी भर सूखे मेवे प्रतिदिन अवश्य लें जैसे बादाम, अखरोट, किशमिश, सूखी खुबानी आदि। इनसे शरीर और दिमाग को ऊर्जा मिलती है।

फास्ट फूड का सेवन कम से कम करें।
चाय- काफी का सेवन 1 से 4 कप तक ही करें।  अधिक सेवन नुकसान पहुंचाते हैं।
फलों और दही की स्मूदी या मिल्क शेक भी ले सकते हैं।
– नीतू गुप्ता

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