Saturday, May 18, 2024

पेट की बीमारी को अनदेखा न करें

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आज की तारीख में व्यक्ति के पेट में दर्द होना आम बात हो गई है। प्रतिदिन जरुरत से ज्यादा खाना खाकर कोई काम न करना और पूरे-पूरे दिन आलस्य में समय व्यतीत करना निसंदेह एक ओर जहां व्यक्ति को कष्ट प्रदान करता है वहीं दूसरी तरफ पेट में गैस बननी प्रारंभ हो जाती है। परिणामस्वरुप जब गैस व्यक्ति के दिमाग पर असर करती है तो वह बुरी तरह से तड़प उठता है और उसका मस्तिष्क झनझनाने लगता है।

इस प्रकार व्यक्ति धीरे-धीरे कार्य करने में असमर्थ हो जाता है तथा उसका मन किसी भी कार्य में नहीं लगता। इसके अतिरिक्त भूख कम लगना, उल्टी आना, जी मिचलाना, आलस आना, हल्का बुखार रहना व पेट में हल्का दर्द होना तथा शौच ठीक से न आने या बार-बार शीघ्र आने की शिकायत आदि मिलने लगती है तब समझ लेना चाहिए कि आपके पाचन तंत्र में गड़बड़ी आ गई है। यदि आपका पाचन तंत्र बिल्कुल ठीक है तो आप जो कुछ भी ग्रहण करेंगे अर्थात खाएंगे, वह सोलह आना आपके शरीर को लाभ पहुंचाएगा अन्यथा कतई नहीं।

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वैसे भी कहा जाता है कि पेट की बीमारी, शरीर की हजार बीमारियों की जननी है। इसलिए हमेशा स्मरण रखें कि पाचन तंत्र में किसी भी होने वाली बीमारी को साधारण समझने की भूल कदापि न करें नहीं तो यह भविष्य में बहुत बड़ी समस्या बन कर खतरा उत्पन्न कर सकती है।

इसके अलावा महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ते दूषित वातावरण व प्रदूषण का भी सीधा प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ता है जो दूषित वातावरण एवं अत्यधिक प्रदूषण के कारणवश बीमारियों का घर बन जाता है। इसलिए इन हानिकारक तत्वों से भी हमें अपने आप को बचाने की आवश्यकता है, तब कहीं जाकर हम पेट की बीमारियों से छुटकारा पायेंगे। साथ ही निम्नलिखित बातों पर भी विशेष ध्यान देना अति अनिवार्य है:-

रोजाना प्रात: काल उठकर एक कि. मी. पैदल चलें क्योंकि पैदल चलने से गैस कम बनती है और व्यक्ति पर गैस का आक्रमण धीरे-धीरे कम हो जाता है। संभवत: पैदल चलना इस बीमारी हेतु सबसे अधिक लाभदायक साबित होगा।
सब्जियों में पालक, गाजर, मेथी, गांठगोभी, शलजम, टिंडा, करेला, परवल, घीया आदि ही खायें और साथ ही, तली व खट्टी चीजों का परहेज करके पूरा आराम लें। आवश्यकता पडऩे पर डाक्टर से सलाह लेने में चूकें नहीं बल्कि खुलकर वार्तालाप करें।

सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि हमें हमेशा पानी उबालकर ठंडा करके पीना चाहिए।
प्रतिदिन दाल अवश्य खायें। जैसा कि पाठकों को मालूम होगा कि दाल खाने से प्रोटीन प्राप्त होता हैं सो, अरहर, मूंग तथा मसूर दालों का सेवन कर प्रोटीन अवश्य लें।

भोजन के अलावा अंगूर, मौसमी व अनार का रस भी पी सकते हैं, निश्चित ही फायदा होगा। अन्त में यह अवश्य याद रखें कि सादा भोजन और ढका हुआ खाना ही सेवन में लायें जो कि नितान्त आवश्यक है।
रोजमर्रा यदि इस तरह आप भोजन सम्बन्धी नियम का अनुसरण करते हैं एवं प्राणायाम या पवनमुक्तासन करना नहीं भूलते तो यकीनन इस पेट की बीमारी से छुटकारा पाकर जिंदगी का आनंद लूट सकेंगे।
– अनूप मिश्रा

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