मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक हजार रुपये मूल्य का नोट फिर चलन में फिर लाए जाने की चर्चाओं को अटकलबाजी बताया है, साथ ही यह भी कहा कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के निर्णय का अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं होगा।
आरबीआई गवर्नर ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में एक हजार रुपये का नोट फिर शुरू करने के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि यह अटकलबाजी है। उन्होंने कहा,“ फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। ”
आरबीआई की स्वच्छ बैंक नोट नीति के तहत दो हजार रुपये का नोट वापस लेने की घोषणा के बाद से कुछ हलकों में चर्चा है कि केंद्रीय बैंक 1000 रुपये का नोट फिर चलन में लाया जा सकता है। हजार रुपये का नोट आठ नवंबर 2016 को घोषित नोटबंदी में चलन से बाहर कर दिया गया था। उसी समय 2000 का नया नोट चलन में आया था। इसे अब लोग 23 मई 2023 से बैंकों के माध्यम से बदलवा या खातों में जमा करा सकते हैं।
श्री दास ने 2000 रुपये का नोट वापस लेने के कदम को केंद्रीय बैंक की मुद्राप्रबंधन व्यवस्था के तहत की गयी एक कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद कितने नोट वापस आएंगे, यह समयावधि खत्म होने के बाद ही
सही-सही पता लगेगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी की 30 सितंबर 2023 तक बाजार में पड़े दो हजार रुपये मूल्य के अधिकांश नोट बैंकों में वापस आ जाएंगे। उल्लेखनीय है कि चलन से वापस लिए जाने के इस निर्णय के बावजूद ये नोट विधिमान्य मुद्रा बने रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय का अर्थव्यवस्था पर बहुत सीमित प्रभाव होगा, क्योंकि इस समय बाजार में पड़े दो हजार रुपये के नोट कुल करेंसी के 10.8 प्रतिशत के बराबर ही है।