चेन्नई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तमिलनाडु प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक के रूप में उभरा है। राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए प्रोजेक्ट्स में भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त हुआ है। चेन्नई सिटीजन फोरम के द्वारा आयोजित एक इवेंट में बोलते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जाता है कि केंद्र सरकार ने फंडिंग के मामले में तमिलनाडु की अनदेखी की है।
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उन्होंने कहा कि राज्य में कई बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा, “तमिलनाडु इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और ऑटोमोबाइल में पीएलआई योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और ऑटोमोबाइल में पीएलआई योजना के तहत सबसे अधिक स्वीकृतियां हासिल की हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जिन 27 कंपनियों को केंद्र से मंजूरी मिली है, उनमें से सात तमिलनाडु से हैं।” वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, पीएलआई योजना से लाभान्वित होने वाली लगभग 25 प्रतिशत कंपनियां राज्य में स्थित हैं।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि तमिलनाडु भारत के दो प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टरों में से एक का घर है, जबकि दूसरा गुजरात में स्थित है। वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि तमिलनाडु ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट निर्माण के लिए पीएलआई इंसेंटिव में दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए पीएलाई योजना के तहत स्वीकृत 82 आवेदनों में से 46 तमिलनाडु से हैं। एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी निर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत राज्य की चार कंपनियों को मंजूरी मिली है।” वित्त मंत्री ने कहा, “केंद्र के सहयोग से तूतीकोरिन में देश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन हब पोर्ट की योजना बनाई जा रही है।” राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 1,303 किलोमीटर नई रेलवे लाइनें जोड़ी गई हैं।