उदयपुर। उदयपुर के जगदीश मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए ड्रेस कोड अपील सामने आने के बाद देवस्थान विभाग के अधिकारियों ने मंदिर पहुंच सारे पोस्टर फड़वा दिए। दूसरी तरफ, विश्व हिन्दू परिषद ने देवस्थान विभाग द्वारा मर्यादित परिधान पहनकर आने की अपील वाले पोस्टर मंदिर से हटवाने के खिलाफ दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। विहिप इन पोस्टर्स को पुनः लगाने की बात कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि जगदीश मंदिर में पोस्टर लगाकर अपील की गई थी कि शॉर्ट टी शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट जैसे पहनावे में मंदिर न आएं। जगदीश मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं की इस पहल के बाद उदयपुर के प्रसिद्ध बोहरा गणेश मंदिर में भी इस ‘ड्रेस कोड’ की अपील के पोस्टर लगा दिए गए थे। धीरे-धीरे अन्य मंदिरों में भी वहां के प्रबंधन संभालने वालों ने इस पर विचार करना शुरू कर दिया है।
चूंकि, जगदीश मंदिर सरकार के देवस्थान विभाग के अंतर्गत आता है, ऐसे में इस बात की जानकारी मिलते ही गुरुवार सुबह देवस्थान विभाग के अधिकारी मंदिर पहुंचे और सारे पोस्टर फड़वा दिए गए। वहां मौजूद लोगों ने अन्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए तो वे टालमटोल करते रहे।
मामले को लेकर उदयपुर शहर के सर्व हिन्दू समाज में रोष है। मंदिर में संस्कृति व परम्परानुरूप परिधान पहन कर आने की महज अपील वाले पोस्टर हटाने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पुजारियों व लोगों का कहना है कि किसी को रोका नहीं जा रहा, बस अपील की जा रही है ताकि लोग अपनी संस्कृति के अनुरूप परिधानों के प्रति जागरूक हों और मंदिर जैसे पवित्र स्थल की मर्यादा को भी समझें।
इधर, उदयपुर में विश्व हिंदू परिषद ने देवस्थान विभाग द्वारा जगदीश मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए लगाए गए पोस्टर को हटाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विहिप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंदिर धार्मिक संस्कृति मान्यताओं का केंद्र है। देवस्थान विभाग को स्वयं आगे होकर प्रोत्साहन देना चाहिए, बजाय वह मंदिर का मालिक बनकर व्यवहार कर रहा है जो घोर निंदनीय है। प्रत्येक धार्मिक स्थान की अपनी मान्यता है, जैसे इस्लाम अनुयाई मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं, अपना वेश पहनते हैं। सिख पंथ गुरुद्वारे में अपनी परंपरा के अनुसार गुरुद्वारे जाते हैं।
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी ने पोस्टर हटाने की घोर निंदा करते हुए कहा है कि पोस्टर पुनः लगाए जाएं और अन्य मंदिरों में भी ऐसे पोस्टर लगाकर पहल की जाए। यदि विभाग स्वयं पहल नहीं करता तो विहिप हिंदू समाज को साथ लेकर आंदोलन करेगा और उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की और देवस्थान विभाग की रहेगी।