नोएडा। नोएडा के सेक्टर 137 पारस टियरा सोसाइटी में गुरुवार को हुए लिफ्ट हादसे में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। पुलिस ने पीड़ित की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट और एओए के लोग शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि थाना सेक्टर 142 इलाके में पड़ने वाली पारस टियरा सोसाइटी में गुरुवार को हुए लिफ्ट हादसे में सुशीला देवी (72) की मौत हो गई थी। महिला के बेटे ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
डीसीपी अनिल कुमार यादव ने बताया कि पारस टियरा सोसाइटी के टॉवर नंबर-24 के फ्लैट नंबर 803 में 72 वर्षीय सुशीला देवी अपने परिवार के साथ रहती थीं। गुरुवार की शाम वह नीचे जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुईं। तभी लिफ्ट टूटकर गिर गई। इस हादसे में सुशीला देवी की मौत हो गई थी। इस बाबत मृतक महिला के बेटे ने थाना सेक्टर-142 में एफआईआर दर्ज कराई है।
डीसीपी ने बताया कि मृतक बेटे की तहरीर पर थाना-142 में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें एएन सिक्योर के डायरेक्टर अजय सिंह शेखावत, डायरेक्टर संतोष कुमार बराल, एएन सिक्योर प्रा. लि की फैसिलिटि मैनेजर मोनिका शर्मा, पारस टियरा अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश गौतम, एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनंग पाल चौहान, महासचिव सुखपाल सिंह राणा, ट्रेजरार नीतू सलार और लिफ्ट मैनुफ्रेक्चरर थायसन क्रुप को नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-धारा 287/304 ए के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक़ पारस टिएरा हाउसिंग सोसाइटी के टॉवर नंबर 24 में रहने वाली 70 वर्षीय महिला सुशीला देवी गुरुवार की शाम किसी काम से नीचे जा रही थीं। सुशीला देवी अपने बेटे और बहू के साथ यहां सोसाइटी में रहती थीं। लोगों ने बताया कि अचानक लिफ़्ट का तार टूट गया। जिससे तेज झटका लगा। लिफ़्ट बीच की मंज़िल पर आकर अटक गई। किसी तरह लोगों को इस हादसे की जानकारी मिली तो मेंटनेंस डिपार्टमेंट को सूचना दी गई। सुरक्षा कर्मी और मेंटीनेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारी लिफ़्ट को खोलने में जुट गए। बताया गया है कि क़रीब 45 मिनट लिफ़्ट को खोलने में लग गए। इस दौरान सुशीला देवी की मौत हो चुकी थी।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।