नई दिल्ली| संसद के बजट सत्र को लेकर सरकार और विपक्षी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी कर ली है। दो चरणों में होने वाले बजट सत्र के दौरान 27 बैठकें होनी है। सत्र के दौरान जहां एक तरफ सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर दोनों सदनों में सुचारू ढंग से चर्चा करवा कर पारित करवाने के साथ ही कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाना चाहती है।
वहीं विपक्षी दलों ने चीन की सेना की घुसपैठ, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा ,राम रहीम की परौल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी, राज्यों को केंद्र से मिलने वाले फंड में कमी ,जाति आधारित आर्थिक जनगणना, महिला आरक्षण, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों सहित कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है।
बजट सत्र से पहले सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से सदन की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सहयोग मांगा वहीं विपक्षी दलों ने अपने-अपने मुद्दों को उठाते हुए सरकार से इन मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर में हुई सर्वदलीय बैठक में संसद के कुल 46 राजनीतिक दलों में से 27 राजनीतिक दलों की तरफ से 37 नेता शामिल हुए।
सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से कई मुद्दे उठाए गए हैं, सरकार नियमों के मुताबिक विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं और सदन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार सभी दलों का सहयोग चाहती है।
कांग्रेस के बैठक में नहीं आने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने लिखकर यह बताया था कि मौसम के चलते वो कश्मीर में फंसे हुए हैं इसलिए आज की बैठक में नहीं आ सकते, वो मंगलवार को आकर उनसे अलग से मुलाकात करेंगे।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने बताया कि उन्होंने बैठक में कहा कि सरकार को सदन का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी विधेयकों को पारित करवाने के लिए ही नहीं करना चाहिए। टीएमसी ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का भी मुद्दा उठाया। नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का मसला उठाया।
वहीं बसपा ने चीन की सेना के घुसपैठ के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। सूत्रों के मुताबिक बसपा सांसद द्वारा सर्वदलीय बैठक में चीनी सेना की घुसपैठ के मसले को उठाए जाने का जवाब देते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो बातें कही जा रही है वह सही नहीं है और हमारी सेना ने बहुत अच्छा काम किया है और अगर वे सच बता देंगे तो पूरा विपक्ष ताली बजाएगा लेकिन वे बता नहीं सकते क्योंकि मामला संवेदनशील है।
अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने सर्वदलीय बैठक में राम रहीम की परौल का मुद्दा उठाया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एक तरफ जहां एक रेपिस्ट को परौल पर परौल दी जा रही है तो वहीं कई वर्ष पहले सरकार द्वारा की गई घोषणा के बावजूद जेलों में 30 साल से बंद सिखों को रिहा नहीं किया जा रहा है, परौल तक नहीं दी जा रही है। उन्होंने पंजाब का सामाजिक और राजनीतिक माहौल खराब करने का भी आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बैठक के बाद बताया कि उन्होंने बैठक में देश के करोड़ों लोगों द्वारा अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा एलआईसी में लगाने और एसबीआई में रखने का जिक्र करते हुए सरकार से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी के मसले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। संजय सिंह ने दावा किया कि बैठक में सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, आरजेडी सहित कई अन्य दलों ने भी इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने भी इसका समर्थन किया। सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने दिल्ली में एलजी के रवैये और दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं कराए जाने के मसले को भी उठाया।
वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से वी. विजयसाई रेड्डी ने जाति आधारित आर्थिक जनगणना का आंकड़ा जारी करने और आगामी जनगणना भी इसी आधार पर कराने की मांग बैठक में की। उन्होंने संसद सत्र की कम बैठकों का भी मुद्दा बैठक में उठाया। वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल, टीआरएस और तृणमूल कांग्रेस ने महिला आरक्षण का मुद्दा भी सर्वदलीय बैठक में उठाया।
बीजू जनता दल ने बैठक में केंद्र से राज्यों को मिलने वाले फंड में की जा रही कमी और राज्य से जुड़े कई अहम मुद्दों को उठाया तो वहीं फ्लाइट में देरी की वजह से सर्वदलीय बैठक में लेट पहुंचने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने फ्लाइट के लेट होने से होने वाली परेशानी का मुद्दा उठाने के साथ ही साथ ही सरकार से सांसद निधि के फंड को बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने की मांग की।
यह बजट सत्र दो चरणों में होगा। सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलेगा। सत्र के दौरान 14 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा।