फरीदाबाद,। हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय नगर निगम प्रशासन ने सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में एक नंबर स्थित विजय रामलीला कमेटी की धर्मशाला को ध्वस्त कर दिया।
लगभग 70 साल पुराने इस भवन को तोडऩे के लिए निगम के दस्ते को स्थानीय दुकानदारों व लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल के चलते कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया।
दरअसल, विजय रामलीला कमेटी धर्मशाला जिस जगह पर बनी थी, वह जगह सरकार ने पार्क के लिए अलाट की थी। वर्षाें से यह मामला अदालत में विचाराधीन था।
पिछले दो सालों में निगम ने कई नोटिस रामलीला कमेटी को भेजे, लेकिन न तो उन नोटिसों का कोई जवाब दिया गया और न ही धर्मशाला को खाली किया गया।
सोमवार को तयशुदा कार्यक्रम के तहत नगर निगम का दस्ता मौके पर पहुंचा। उसके साथ मजिस्ट्रेट एसडीओ नरेश कादियान एसडीओ सुमेर सिंह व जेई प्रवीन भी थे। इसके अलावा भारी संख्या में पुलिस बल के साथ थाना कोतवाली प्रभारी भी मौजूद रहे।
पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई के दौरान विरोध कर रहे दुकानदारों और अन्य लोगों को सख्ती से हटाया। नगर निगम के दस्ते ने धर्मशाला और उसकी बनी दुकानों को भी तोड़ दिया।
दुकानदारों ने आरोप लगाया कि निगम ने उन्हें सामान निकालने का समय तक नहीं दिया, जबकि निगम का कहना है कि उन्हें सामान निकालने का पर्याप्त समय दिया गया। मजबूरन उन्हें तोडफोड़ की कार्रवाई अमल में लानी पड़ी।
इस कार्रवाई को लेकर राजनैतिक गलियारों में भी चर्चाएं जोरों पर थीं। धार्मिक स्थल पर हुई इस कार्यवाही को लेकर लोगों में रोष व्याप्त रहा।