नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई आज भी अधूरी रही। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज प्रत्ययन निदेशालय (ईडी) पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकारी गवाह के बयान पर कैसे भरोसा करेंगे। क्या ये बयान कानून में स्वीकार्य होगा। क्या ये कही सुनी बात नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सब सबूतों के आधार पर होना चाहिए, वरना जिरह में ये केस दो मिनट में गिर जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
आज सुबह सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि चैनलों पर सुबह से ख़बर चल रही है कि ईडी, शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने वाली है। आज मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कल उठाये गए सवाल पर स्पष्ट किया कि हमने किसी को आरोपित बनाने के लिए नहीं कहा था, यह सिर्फ पूछा गया एक कानूनी सवाल था। कल कोर्ट ने पूछा था कि आबकारी मामले में जिस राजनीतिक दल को कथित तौर पर फायदा पहुंचा तो उसे आरोपित क्यों नहीं बनाया गया।
सिंघवी ने आज कहा कि सिसोदिया को पैसे मिलने का कोई सबूत नहीं है। विजय नायर से सिसोदिया का कोई संबंध नहीं था । नायर पार्टी का कार्यकर्ता था और वह आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। उन्होंने कहा कि सिसोदिया 26 फरवरी से जेल में हैं। सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि नीति पारदर्शी होनी चाहिए थी, जबकि शराब नीति के तहत पैसा कमाने के लिए षड्यंत्र रचा गया, पैसा लेकर छूट मुहैया करायी गई।