Monday, May 20, 2024

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुले, हेलीकॉप्‍टर से हुई पुष्‍पवर्षा, धामी ने देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना

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केदारनाथ/रुद्रप्रयाग। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष और सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष 10 मई (शुक्रवार) को ठीक 7 बजे विधि-विधान से खुल गए हैं। इस मौके पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी और देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

सीएम ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सभी सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आसमान से हैलीकाप्टर से पुष्‍पवर्षा की गई।

मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे भी आयोजित किए गए। केदारनाथ में मौसम भी साफ है।

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत गुरुवार शाम को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी।

शुक्रवार तड़के चार बजे से मंदिर परिसर और दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी, धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गए।

उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की। ठीक सुबह सात बजे बजे केदारनाथ धाम के कपट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बीते यात्राकाल में रिकॉर्ड तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा हुई थी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी। 10 मई को ठीक प्रात:7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गए।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि शनिवार (11 मई) को केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ केदारनाथ मंदिर में आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जाएंगी।

 

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, वीरेंद्र असवाल, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी स्वयंवर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

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