गाजियाबाद। बारिश से पहले जीडीए ने ऐसे आवासों की सूची बनाई है जो कि जर्जर हालत में हैं और बारिश के दिनों में रहने लायक नहीं हैं। जीडीए की कॉलोनियों में ऐसे आवासों की संख्या 3052 है। इन आवासों की सूची जीडीए ने बनाकर नगर निगम को सौंप दी है। जिससे कि नगर निगम भी अपनी तरफ से ऐसे भवनों के प्रति बरसात के दौरान सचेत रहे। इसी के साथ इन आवासों पर नोटिस भी चस्पा किया गया है। जिससे कि बरसात के दौरान कोई हादसा या जानमाल की हानि ना हो सके।
मानसूनी बारिश के दौरान किसी प्रकार का हादसा ना हो इसके लिए जीडीए और नगर निगम जर्जर आवासों की सूची तैयार करते हैं। ऐसे ही जर्जर भवनों की सूची इस बार भी तैयार की गई है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने साहिबाबाद में 35 साल पूर्व तुलसी निकेतन कॉलोनी को बसाया था। तुलसी निकेतन कॉलोनी देखरेख के आभाव में आज पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच गई है। इस कॉलोनी में करीब 2,352 ईडब्ल्यूएस क्वाटर हैं जो कि जर्जर हो चुके हैं। जीडीए ने तुलसी निकेतन कॉलोनी में भी नोटिस लगाया है। हालांकि जीडीए हर साल इस कॉलोनी में बरसात से पहले नोटिस चस्पा करता है। इस बार भी जीडीए ने नोटिस चस्पा का कॉलोनी के लोगों को सतर्क किया है। वहीं दूसरी ओर कॉलोनीवासियों का कहना है कि जीडीए ने बदले में नए आवास देने के लिए कहा था लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। इसी प्रकार मधुबन बापूधाम और इंदिरापुरम में 30 साल पुराने मकानों में लोग रहे रहे हैं। जरा सी बारिश होने पर इन मकानों में पानी भर जाता है। जिससे हालात खराब हो जाते हैं।