नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय के समक्ष सोमवार को आवारा कुत्तों के एक वकील और उससे पहले अन्य लोगों पर हुए हमले से संबंधित मामला उठा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिंह एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकील कुणाल चटर्जी समेत पहले के कुछ अन्य मामलों पर भी चिंता व्यक्त की।
शीर्ष अदालत के समक्ष यह मामला तब उठा जब मुख्य न्यायाधीश की नजर श्री चटर्जी के एक हाथ पर बंधी पट्टी लगी दिखी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने श्री चटर्जी की ओर देखते हुए पूछा क्या हुआ? श्री चटर्जी ने जवाब दिया,“पांच कुत्तों ने (मेरे उपर) हमला बोला दिया था।”
मुख्य न्यायाधीश ने चिंता व्यक्त की और उन्हें मदद की पेशकश करते हुए कहा,“यदि आपको चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है तो मैं (शीर्ष अदालत की) रजिस्ट्री से इस पर ध्यान देने के लिए कह सकता हूं।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने एक कर्मचारी पर कुत्तों के हमले का का जिक्र किया और कहा, “मेरा लॉ क्लर्क अपनी कार पार्क कर रहा था और उस पर भी हमला किया गया।”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश में कुत्तों के काटने से मौत का एक मामला उठाते हुए कहा कि एक लड़के को कुत्ते ने काट लिया। उसे रेबीज हो गया और उसने दम तोड़ दिया। सॉलिसीटर जनरल ने गाजियाबाद में पिछले दिनों हुई 14 साल के बच्चे की मौत का मामला उठाते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा को बताया कि गाजियाबाद में कुत्ता काटने से रैबीज संक्रमित हुए बच्चे की मौत से ठीक पहले का दर्दनाक वीडियो वायरल है। वीडियों में दिखाई दे रहा है कि अपनी गोद में बच्चे को बैठाए पिता कितना असहाय है। डॉक्टर भी उनकी कोई मदद करने की स्थिति में नहीं थे। सॉलिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देशभर में कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है लेकिन, अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग आदेश दे रहे हैं।
जस्टिस नरसिम्हा ने इस बात पर सहमति जताई कि पूरे देश में कुत्तों और दूसरे आवारा पशुओं के हमले मामले बढ़ते जा रहे हैं। सॉलिसीटर जनरल ने कुत्तों के एक और खूनी हमले का उल्लेख करते हुए कोर्ट को बताया कि किस तरह कुत्तों ने नोच नोच कर एक बच्चे को जान से मार डाला था। इसके बाद कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने जजों से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट को कुत्तों के काटने की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करनी चाहिए।
इसी बीच नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि कुत्तों के स्टेरलाइजेशन (नशबंदी) का अभियान तेज कर दिया गया है। शहर में 53 स्थानों को चिन्हित करते हुए हाई रिस्क जोन बनाया गया है। जहां पर नियमित रूप से नगर निगम की टीम नजर बनाए रखेगी। शहरवासियों के साथ-साथ डॉग लवर्स को भी जागरूक किया जाएगा कि किस तरह से वह कुत्तों के आतंक से निपटने में मदद कर सकते हैं। लगभग पौने 2 करोड़ रुपये की लागत से गाजियाबाद में जल्द ही एक और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी।