मुजफ्फरनगर। कांवड यात्रा 2024 में बदले गए होटलों के नाम पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद फिर से होटल और ठेलियां पुराने नाम से संचालित होने लगे, लेकिन मुजफ्फरनगर के रुड़की रोड स्थित संगम होटल के नाम पर फिर से हिंदूवादी नेताओं की नजर पैनी हो गई। बघरा के यशवीर महाराज ने बदले गए नाम सलीम होटल पर फिर से संगम होटल लिखे होने पर ऐतराज जताया और सात सितबंर को खुद पहुंचकर होटल पर सलीम होटल खिलवाने की चेतावनी दे डाली।
मामले को ठंडा रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने संगम होटल संचालक से वार्ता की। इसके बाद होटल पर संगम होटल हटाकर सलीम शुद्ध भोजनालय नाम का बैनर लग गया। इसके बाद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने यशवीर महाराज को इसकी पूर्ण जानकारी दी गई। उधर, होटल संचालक सलीम का कहना है कि वह संगम होटल के नाम को स्वंय बदलकर अब हमेशा के लिए सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय कर रहे हैं। हम इस मामले में कोई विवाद नहीं चाहते हैं।
नाम हटाने को लेकर यशवीर महाराज ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेम प्लेट विवाद को लेकर यह अंतरिम आदेश दिया था कि किसी को नाम लिखने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से भारत के मुसलमानो को यह भी आदेश नहीं दिया गया था कि वह सनातन धर्म के देवी देवताओं के नाम से या हिंदुओं के तीर्थ स्थलों के नाम से अपने होटल, ढाबे, चाय, फल अथवा अन्य खाद्य पदार्थ की दुकान चलाए। यशवीर महाराज ने मुसलमानों से आग्रह किया है कि जो चोरी छिपे सनातन धर्म के नाम के बोर्ड लगाकर अपने होटल ढाबे का संचालन कर रहे हैं वह अपने बोर्ड खुद ही हटा दें।
उन्होंने बुद्धिजीवी मुसलमानों से आग्रह करते हुए कहा है कि उन्हें समझना चाहिए कि यह धोखाधड़ी का काम है, यदि हिंदू दुकानदार भी अपनी दुकान, होटल, ढाबे या अन्य खाने-पीने की चीजों की दुकानों के नाम इस्लाम मजहब के आधार पर रखने लगे तो क्या भारत के मुसलमान इस बात को सहन कर लेंगे? यशवीर महाराज ने कहा है कि इस तरह की धोखाधड़ी से जहां आप लोगों की भावनाएं आहत होती है। ठीक उसी तरह सनातन धर्म के 110 करोड़ से ऊपर हिंदुओं की धार्मिक आस्थाएं भी आहत होती है।