संभल। एक ऐसी युवती जिसका चाचा के बेटे ने ही रेप किया। रेप पीड़िता कहती है….
मैंने अपने चचेरे भाई के बच्चे को जन्म दिया था। उसने धमका कर मेरा रेप किया था। किसी को बताने पर मेरे घर वालों को मारने की धमकी दी थी। परिवार की इज्जत और घर वालों को बचाने के लिए मैं चुप रही, अगर तब मैं चुप नहीं रहती तो शायद ये सब देखने को नहीं मिलता।
घर में जब पता चला तो अम्मी ने मुझे मारा। मर जाने के ताने दिए..मेरे लिए ये समय किसी अभिशाप से कम नहीं है। एक बिन ब्याही मां बन गई हूं मैं और जिस बच्ची को मैंने जन्म दिया वो भी हालत खराब होने के चलते मर गई। उस घटना के बाद से लोग मुझे ही गलत बोल रहे हैं। मेरे सिर पर सबके तानों का ये बोझ जिंदगी भर रहेगा।
मामला संभल के असमोली के एक गांव का है। यहां पर जुलाई 2022 को एक शादीशुदा चचेरे भाई ने अपनी बहन के साथ उसके घर जाकर रेप किया था। आरोपी ने पीड़िता के अकेले होने का फायदा उठाया था। फिर उसको धमका कर मौके से चला गया था। पीड़िता ने डर के कारण ये बात छुपा ली लेकिन कुछ समय बाद ही ये बात सबके सामने आ गई। पीड़िता का कहना है, “घटना के बाद लोगों ने उसके बारे में बहुत गलत बातें बोलीं। वो आज किसी के सामने जाने में डरती है। उसके रिश्तेदार-गांव वाले उसको ही गलत बोलते हैं। उसके ऊपर लड़के को गलत फंसाने का आरोप भी लगाते हैं। जिसने मेरे साथ गलत काम किया वो शादी शुदा है। उसके बच्चे भी हैं। जिस वजह से लोग कहते हैं, इसने बच्चों के सिर से बाप का साया छीन लिया। वो लोग मेरा उसके साथ अफेयर होने की बात भी कहते हैं। ये सब सुनकर मैं बहुत परेशान रहती हूं।”
परिवार के लोगों ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करवाया। पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया। वहीं परिवार के लोग बेटी का बच्चा गिराने के लिए प्रयास करने लगे लेकिन इन सब के बीच 2 फरवरी 2023 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। हालत खराब होने के चलते 4 फरवरी को बच्ची की मौत हो गई।
पीड़िता ने बताया, “घर में मेरे और 3 भाई-बहन हैं। मैं बीच की हूं। अब्बू खेती-किसानी करके घर चलाते हैं। बड़ी दीदी की शादी हो चुकी है। हम लोग पढ़ाई करते हैं। घर पर अम्मी हैं जो अब्बू के साथ काम करती हैं। पापा के छोटे और बड़े भाई भी हैं। मेरे साथ जिसने गलत काम किया वो मेरे चाचा का लड़का है। उसका घर पास में है। उसकी शादी भी हो चुकी है। दो बच्चे भी हैं।”
“वो मेरे घर बहुत आता था। मुझसे बहुत बात करता था। मुझे कई बार उधर-इधर छूने की कोशिश करता था लेकिन मैं उसके पास से उठकर चली जाती थी। उसको घर के बारे में सारी जानकारी रहती थी। उस दिन जब वो घर आया तो मैंने उसको घर में किसी के न होने की बात कह कर जाने के लिए कहा लेकिन वो नहीं माना। वो जबरन घर के अंदर घुस गया। मैं चिल्लाने लगी तो उसमे तमंचा निकाल लिया। मुझे देखकर अश्लील हरकत करने लगा। बोला- जो कर रहा हूं करने दे वरना तूझे मार दूंगा। उसने पहले मेरे साथ गंदा काम किया। फिर बोला किसी को बताई तो समझना तेरा परिवार खत्म।”
“मैंने ये बात अपने परिवार को बचाने के लिए किसी को नहीं बताई। इस बीच वो मेरे घर कई बार आया लेकिन किसी न किसी के होने पर वापस चला जाता। जब भी घर आता मुझे धमकाता। मेरे साथ छेड़छाड़ करता मैं रोने लगती तो मुझे धमकाने लगता। कई बार उसने मुझे साथ में बाहर चलने के लिए भी कहा लेकिन मैं मना कर देती। ये सब काफी दिनों तक चलता रहा। चचेरा भाई होने के कारण घर में कोई उस पर शक भी नहीं करता और न उसको घर आने से रोकता।”
डॉक्टर बोला- पेट में इंफेक्शन है, तभी बढ़ रहा है
“ये सब चीजें मैं अकेले झेल ही रही थी कि घटना के कुछ महीने बाद एक दिन मेरे पेट में दर्द होने लगा। मन खराब होने लगा। मैंने अम्मी को बताया तो उन्होंने मुझे दवा देकर आराम करने के लिए कहा। उसके बाद अक्सर मुझे दर्द होता लेकिन मैं दवा लेकर उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। फिर मुझे ऐसा लगा कि मेरा पेट भी बढ़ रहा है। घर के लोगों ने भी मुझसे पेट बढ़ने की बात बोली। गांव के एक डॉक्टर को हम लोगों ने दिखाया तो उसने इंफेक्शन होने की बात कह दी। हम लोगों ने भी उसकी बात मान ली। लेकिन समस्या लगातार बढ़ती जा रही थी।
फिर दिसंबर की शुरुआत में 1 दिन मुझे पेट में बहुत तेज दर्द हुआ। मैं चक्कर खाकर गिर गई। दर्द के कारण मैं चिल्ला नहीं पा रही थी। बस लग रहा था जैसे जान चली जाएगी। घर वाले मुझे शहर लेकर आए। जहां डॉक्टर ने मेरा अल्ट्रासाउंड करवाया। वहां मुझे दर्द कम होने के इंजेक्शन दिए गए। उसके बाद मुझे एक वार्ड में शिफ्ट किया गया। मेरे अब्बू-अम्मी वहीं पर मेरे पास बैठे हुए थे। तभी एक डॉक्टर ने मेरा नाम पुकारते हुए बुलाया। मेरे अब्बू-अम्मी जब उनके पास गए तो डॉक्टर बोला, आपकी बेटी गर्भवती है।”
गर्भवती वाली बात पर अम्मी मुझे मारने लगी
ये बात सुनकर मेरे अब्बू-अम्मी वहीं पर चिल्लाने लगे। मेरी अम्मी मेरे पास आकर मुझे मारने लगी। वो कह रही थी, तूने नाक कटवा दी सबकी। तू मर जा तो अच्छा है। मैं उनकी बात सुनकर रोने लगी। कुछ देर बाद अब्बू बिना कुछ बोले, हम लोगों को घर ले आए। घर पर उन्होंने मुझसे बात की। जहां मैंने सबको सच बता दिया। मेरी बात सुनकर मेरे अब्बू चाचा के घर गए। वहां पर उन्होंने पूरी घटना चाचा को बताई। ये बात सुनकर चाचा अब्बू से लड़ने लगे। उन्होंने पापा को घर से भगा दिया। उन लोगों ने अब्बू के साथ मारपीट भी की। जिसके बाद अब्बू ने पुलिस के पास जाने का फैसला लिया।
पुलिस ने पहले हमारी बात नहीं सुनी
अब्बू ने पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस भी मामले में कार्रवाई नहीं कर रही थी। पुलिस भी लड़के को बचाने में लगी हुई थी। बहुत भटकने के बाद हम लोगों की सुनवाई हुई। उसके बाद मेरे चचेरे भाई को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। इधर मेरी मां बच्चे को गिराने के लिए मुझे पता नहीं कौन-कौन सी दवा खिलाती रही। मुझे गोलियां खिलाती। गर्म चीजें खाने के लिए बोलती, जिसकी वजह से मेरे चेहरे पर दाने निकलने लगे। लेकिन इन सबका भी कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार मैंने 2 फरवरी को असमोली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्ची को जन्म दे दिया।
अभी हम लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि केस वापस लो। समझौता कर लो लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती हूं। जिसकी वजह से मेरी ये हालत हुई उसको मैं कभी जेल से बाहर नहीं आने दूंगी। ये 8 महीने कैसे कटे हैं मैं ही जानती हूं। लोग मुझे इतनी गिरी नजर से देखते जैसे मैंने कोई अपराध किया हो। मेरे घरवालों को उल्टा सीधा बोलते। मैं अपने आरोपी को कभी माफ नहीं कर सकती हूं।
वहीं पीड़िता के पिता का कहना है, हम लोग सारे भाई मिलकर रहते थे। ये नहीं पता था अपने घर का बच्चा ही हमें कहीं नहीं छोड़ेगा। आज कोई हम लोगों का साथ नहीं दे रहा है। सब कह रहे हैं घर की बात थी छुपा लेनी चाहिए थी। अगर मैं ऐसा करता तो अपनी बेटी को इंसाफ कैसे दिलाता। मेरी बच्ची को तो इन बातों की समझ भी नहीं थी। गलती तो उसकी है जिसने मेरी बेटी का गलत फायदा उठाया। कोई कितना भी दबाव बना ले लेकिन ये केस वापस कभी नहीं होगा।
डीएनए टेस्ट के बाद होगी कार्रवाई
मामले में असमोली थाना प्रभारी संजय कुमार का कहना है, बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अब आरोपी युवक का बच्ची के डीएनए के साथ टेस्ट होगा। उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार की भी हम लोग मदद करने की कोशिश करेंगे।