शामली: 2 दिन पूर्व रुपए के लेनदेन को लेकर खूनी संघर्ष के मामले में भाजपा अल्पसंख्यक नेता के पुत्र की गिरफ्तारी के खिलाफ कोतवाली में धरना प्रदर्शन और हंगामा करने वाले शहर के नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सहित 10 पदाधिकारियों को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के अनुशासनहीनता मानते हुए कारण बताओं नोटिस थमा दिए हैं, जिन्हें 3 दिन में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। पार्टी हाई कमान के नोटिस से बीजेपी पदाधिकारी में हड़कंप मचा हुआ है।
आपको बता दें कि चार दिन पूर्व कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर निवासी पूर्व भाजपा नेता और सभासद नसीम उर्फ भूरा व उसके भाई तहसीम व समीर के बीच रुपए के लेनदेन को लेकर जमकर खूनी संघर्ष हो गया था, दोनों पक्षों के लोगों ने जमकर धारदार हथियारों से एक दूसरे पर हमला किया था.जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. जिसमें एक की दशा गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने घटना के संबंध में दोनों पक्षों को मेडिकल परीक्षण करने के बाद मुकदमा दर्ज किया था, कोतवाली पुलिस ने भाजपा नेता नसीम उर्फ भूरा के पुत्र मोहसिन उर्फ मोसीन, समीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
भाजपा नेता के पुत्र की गिरफ्तारी की सूचना पर भाजपा नेता दर्जनों पदाधिकारी कोतवाली पहुंचे और पुलिस पर सांठगांठ के चलते फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया औऱ बाद में भाजपा पदाधिकारी कोतवाली में दरिया बिछाकर धरने पर बैठ गए थे, इसी दौरान सीओ अमरदीप मौर्य व भाजपा नेताओं के बीच तीखी नोंझोक भी हुई थी।
भाजपा पदाधिकारीयों और कार्यकर्ताओं के धरना प्रदर्शन औऱ हंगामा की जानकारी मिलने पर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की त्योरियां चढ़ गई और इस संबंध में क्षेत्रीय कार्यालय से रिपोर्ट तलब की, जिसके आधार पर पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने नगर पालिका परिषद शामली के अध्यक्ष अरविंद संगल, अनुराग शर्मा सहित दर्जनों भाजपा नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब तलब किया है। भाजपा नेतृत्व में नोटिस मिलने पर धरना प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।