गोपालगंज । जेल में बंद कैदियों के पास अक्सर फोन मिलने की घटनाएं सामने आती हैं। जेल पुलिस की साठगांठ या फिर पुलिसकर्मियों की नजरों से छुपाकर जेल में बंद कैदी मोबाइल फोन ऑपरेट करते रहते हैं। ऐसा ही केस बिहार के गोपालगंज मंडल जेल से सामने आया है।
कैशर अली के पिता का नाम बाबूजान मियां है और वह इंरदवा रफी गांव का रहने वाला है। 17 जनवरी 2020 को कैशर को हजियापुर गांव के पास से स्मैक (मादक पदार्थ) के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसे जेल की सजा सुनाई थी। तभी से वह मंडल कारा में बंद है।
उसके पास मोबाइल फोन था। सिपाही से छुपाने के लिए उसने मोबाइल फोन निगल लिया। जिससे कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल में एक्स-रे करने पर उसके पेट में मोबाइल फोन साफ नजर आया।
जानकारी के मुताबिक, गोपालगंज मंडल कारागार में कैशर अली नाम का कैदी मादक पदार्थ तस्करी केस में जेल की सजा काट रहा है। वह जेल में बंद रहते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। शनिवार रात को जब वह मोबाइल फोन चला रहा था उसी समय ड्यूटी पर तैनात सिपाही आ गया।
सिपाही को आता देखकर कैशर अली घबरा गया और उसने मोबाइल फोन निगल लिया। कुछ ही देर बाद उसके पेट में भयंकर दर्द शुरू हो गया। उसने जेल प्रशासन से पेट में दर्द होने की बात कही साथ ही बताया कि उसने मोबाइल फोन निगल लिया है। यह बात सुनकर जेल प्रशासन के भी कान खड़े हो गए। आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
उसे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की रात को भर्ती कराया गया। जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो उसके पेट से एक फॉरेन पार्टीकल मिला। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ सलाम सिद्दीकी ने बताया कि पेट के एक्स-रे में फॉरेन पार्टीकल होने की पुष्टि हुई है। पूछने पर सामने आया कि उनसे पकड़े जाने के डर से मोबाइल फोन निगल लिया था।