नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति को उस देश या समाज के लोगों द्वारा दिव्यांगजनों के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता से मापी जा सकती है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों और छात्रों के साथ समय बिताया तथा उनके द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन किया। राष्ट्रपति ने पुनर्निर्मित प्रोस्थेसिस और ऑर्थोसिस सेंटर का भी दौरा किया और रोगियों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता और समावेशिता हमारी संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं। जब हमारे प्रयास दिव्यांगजनों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील और समावेशी हों तो कोई भी शारीरिक स्थिति सामान्य जीवन जीने में बाधा नहीं बन सकती। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि दिव्यांगजन अपने कौशल और प्रतिभा से हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। उन्होंने दीपा मलिक, अरुणिमा सिन्हा और अवनी लेखरा जैसी खिलाड़ियों और केएस. राजन्ना जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का उदाहरण दिया और कहा कि ऐसे सभी लोग इस बात की मिसाल हैं कि समर्पण व दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी व्यक्ति हर तरह की शारीरिक बाधाओं को पार कर सकता है।
राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान पिछले कई दशकों से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने दिव्यांगजनों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के लिए संस्थान से जुड़े सभी लोगों की सराहना की।