मुजफ्फरनगर। मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में हुए थप्पड़ प्रकरण में सुप्रीमकोर्ट ने यूपी सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग को एडवाइजरी जारी की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिए कि पीडि़त छात्र का पूर्ण स्कूल खर्च और परिवहन खर्च बेसिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी होगी। बीएसए ने इस आदेश के बाद एनजीओ को जानकारी दी है, ताकि आगे की फीस सहित कोर्स आदि छात्र को दिलाया जाए। उन्होंने बताया कि छात्र को विद्यालय प्रबंधन भी फीस और ड्रैस आदि को लेकर परेशान करता है।
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में कक्षा एक के छात्र को प्रधानाचार्या तृप्ता त्यागी ने कक्षा के अन्य छात्र से थप्पड़ लगवाए थे। पहाड़ा नहीं सुनाए जाने पर अन्य छात्र से लगवाए गए थप्पड़ का वीडियो भी बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, इसके बाद मामला विदेशों तक भी पहुंच गया। इस दौरान तुषार गांधी ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद पीडि़त छात्र की काउंसलिंग के लिए उच्च स्तरीय कमेटी पहुंची।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छात्र का दाखिला शहर के सीबीएसई बोर्ड के विद्यालय शारदेन स्कूल में कराया गया। छात्र ने पिछले दो वर्षों में शारदेन स्कूल से कक्षा दूसरी और तीसरी कक्षा उत्तीर्ण की, जिसके बाद वह अब कक्षा चार में पहुंच गया है। अब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई थी।
इसमें सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि छात्र की पढ़ाई, ड्रैस सहित परिवहन खर्च शिक्षा विभाग उठाएगा। हालांकि दो वर्षों में एक वर्ष शिक्षा विभाग ने खर्च वहन किया, लेकिन पिछले एक वर्ष से सईद मुर्तजा समाजसेवी संगठन के संचालक सलमान सईद छात्र का खर्च वहन कर रहे हैं।
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बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि पहले से ही खर्च विभाग की जिम्मेदारी पर वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छात्र को शारदेन स्कूल विद्यालय प्रबंधन भी फीस और ड्रैस आदि को लेकर परेशान करता है। सईद मुर्तजा समाजसेवी संगठन द्वारा खर्च वहन किया जा रहा है, जो आगे भी निरंतर चलेगा। यदि कोई परेशानी आती है तो शिक्षा विभाग खर्च को वहन करेगा।