नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें देश में जैविक खेती का दायरा 50 फीसदी तक ले जाने की जरूरत है। आज हम खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर हैं लेकिन अब समय है कि हम जैविक उत्पाद को देश-दुनिया तक पहुंचाएं। इस दिशा में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) किसानों को मदद करेगी। यह संस्था किसानों के उत्पाद को खरीदने से लेकर पैकेजिंग, मार्केटिंग, भंडारण, वितरण आदि में मदद करेगी। किसानों के उत्पाद के प्रमाणन में भी एनसीओएल सहयोग करेगी।
शाह ने बुधवार को एनएएससी कॉम्प्लेक्स, आईसीएआर कन्वेंशन केन्द्र, पूसा में आयोजित “राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के माध्यम से जैविक उत्पाद को बढ़ावा” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि जैविक खेती को लेकर एक भ्रम था कि इससे उपज कम होती है लेकिन आज कई किसानों ने यह भ्रम तोड़ा है। जैविक खेती कर किसानों ने उपज के साथ आय भी बढ़ाई है। देश में इसके अनेक सफल मॉडल हैं। केन्द्र सरकार भी जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है। इसीलिए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) का गठन किया था। इसके माध्यम से देश-दुनिया में भारतीय जैविक उत्पादों को पहुंचाया जाएगा।
शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में जैविक उत्पाद के क्षेत्र में एनसीओएल एक भरोसेमंद ब्रांड बनेगा। आज इसके 06 जैविक उत्पाद लांच हुए हैं। आने वाले दिनों में एनसीओएल भारतीय जैविक उत्पादों को पूरी दुनिया में पहुंचाएगी। यह एक भरोसेमंद ब्रांड बनेगा।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार सहकारिता को मजबूत करने के संकल्प के साथ बढ़ रही है। देश के लगभग 90 फीसदी लोग किसी न किसी तरह सहकारी आंदोलन से जुड़े हैं। हमें मिलकर जैविक खेती के लिए माहौल तैयार करना है। सरकार की ओर से इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। शाह ने किसानों से अनुरोध किया कि वह जैविक खेती की ओर रुख करें। रासायनिक खादों का उपयोग कम करें।
शाह ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) का लोगो, वेबसाइट और ब्रोसर का शुभारंभ किया। इस दौरान शाह ने एनसीओएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र भी वितरित किए। इस एकदिवसीय संगोष्ठी के दौरान एनसीओएल के उद्देश्यों, जैविक उत्पादों के महत्व के साथ-साथ छोटे और सीमांत किसानों के उत्थान में सहकारी समितियों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन के अनुरूप भारत को जैविक उत्पादों में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए एनसीओएल की स्थापना एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति के रूप में की गई है। सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 महत्वपूर्ण पहल की हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, “मेक इन इंडिया”, “आत्मनिर्भर भारत” और “लोकल से ग्लोबल” की दिशा में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समिति की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। एनसीओएल का लक्ष्य जैविक उत्पादक किसानों और उत्पादक संगठनों को बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करते हुए उपज पर मुनाफा बढ़ाना है। एक मजबूत ब्रांड के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिलने से एनसीओएल के सदस्यों को उनकी जैविक उपज के लिए बेहतर रिटर्न मिल सकेगा।
इस कार्यक्रम में केन्द्र सरकार, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों, बहु-राज्य सहकारी समितियां, वित्तीय संस्थाएं, सहकारी संघ, जिला सहकारी संघ, जैविक प्रमाणन निकाय और परीक्षण प्रयोगशालाएं, जैविक क्षेत्र के विशेषज्ञ और देश भर से अन्य जैविक उत्पादक हितधारक सहित 1000 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे दिल्ली आए हैं।
एनसीओएल को 25 जनवरी, 2023 को मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया था। देश की तीन प्रमुख सहकारी समितियों- नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ), गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( एनएएफईडी) और भारत सरकार के दो प्रमुख वैधानिक निकाय राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने संयुक्त रूप से एनसीओएल को प्रमोट किया है।