नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्ष 2023 के अपने आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अयोध्या के भव्य राम मंदिर का भी जिक्र किया। ‘मन की बात’ के 108 वें एपिसोड को अपने लिए बहुत खास बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह और उमंग है। लोग अपनी भावनाओं को अलग-अलग तरह से व्यक्त कर रहे हैं। आपने देखा होगा कि बीते कुछ दिनों में श्री राम और अयोध्या को लेकर कई सारे नए गीत और भजन बनाए गए हैं। बहुत से लोग नई कविताएं भी लिख रहे हैं। इसमें बड़े-बड़े अनुभवी कलाकार भी हैं तो नए उभरते युवा साथियों ने भी मन को मोह लेने वाले भजनों की रचना की है। कुछ गीतों और भजनों को तो मैंने भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। ऐसा लगता है कि कला जगत अपनी अनूठी शैली में ऐतिहासिक क्षण का सहभागी बन रहा है।”
पीएम मोदी ने लोगों से हैशटैग ‘श्रीरामभजन’ के साथ अपनी रचनाओं को साझा करने का आग्रह करते हुए आगे कहा, “मेरे मन में एक बात आ रही है कि क्या हम सभी लोग ऐसी सारी रचनाओं को एक कॉमन हैशटैग के साथ शेयर करें। मेरा आपसे अनुरोध है कि हैशटैग ‘श्रीरामभजन’ के साथ आप अपनी रचनाओं को सोशल मीडिया पर शेयर करें। यह संकलन भावों का, भक्ति का ऐसा प्रवाह बनेगा जिसमें हर कोई राममय हो जाएगा ”
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 108वें एपिसोड को अपने लिए खास बताते हुए कहा कि आज हमारी साझा यात्रा का 108वां एपिसोड है। हमारे यहां 108 अंक का महत्व, उसकी पवित्रता एक गहन अध्ययन का विषय है। माला में 108 मन के, 108 बार जप, 108 दिव्य क्षेत्र, मंदिरों में 108 सीढ़ियां, 108 घंटियां, 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए मन की बात का 108वां एपिसोड उनके लिए और खास हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2023 में भारत द्वारा हासिल की गई कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए देशवासियों को नए वर्ष की शुभकामनाएं दी। देशवासियों से नववर्ष 2024 में भी 2023 की तरह की ही भावना और गति को बनाए रखने का आह्वान भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ये 140 करोड़ भारतीयों की ताकत है कि इस वर्ष हमारे देश ने कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। आज भारत का कोना-कोना आत्मविश्वास से भरा हुआ है। विकसित भारत की भावना से, आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है। 2024 में भी हमें इसी भावना और गति को बनाए रखना है।
वर्ष 2023 में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत का इनोवेशन हब बनना, इस बात का प्रतीक है कि हम रुकने वाले नहीं हैं। 2015 में हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें रैंक पर थे। आज हमारी रैंक 40 है। इस वर्ष भारत में फाइल होने वाले पेटेंट्स की संख्या ज्यादा रही है, जिसमें करीब 60 प्रतिशत डोमेस्टिक फंड के थे। भारत के प्रयास से 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया गया। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स को बहुत सारे अवसर मिले हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य को लेकर भी देशवासियों को नसीहत देते हुए कहा कि फिजिकल हेल्थ को लेकर दिलचस्पी जिस तरह से बढ़ रही है, उससे इस क्षेत्र से जुड़े कोच और ट्रेनर्स की डिमांड भी बढ़ रही है। उन्होंने फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर देने की नसीहत दी।
प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता और सदुपयोग पर जोर देते हुए कहा, हाल ही में काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने के लिए हजारों लोग तमिलनाडु से काशी पहुंचे थे। वहां उन्होंने उन लोगों से संवाद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का सार्वजनिक रूप से पहली बार उपयोग किया। उन्होंने कहा कि वे मंच से हिंदी में संबोधन कर रहे थे लेकिन एआई ट्रांसलेशन टूल की वजह से वहां मौजूद तमिलनाडु के लोगों को उनका वही संबोधन उसी समय तमिल भाषा में सुनाई दे रहा था।