नई दिल्ली। दिल्ली में महिलाओं की तरह पंजीकृत लाखों निर्माण श्रमिक भी जल्द ही डीटीसी की बसों में फ्री सफर कर सकेंगे। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग को डीटीसी से बात कर इसकी संभावना तलाशने का निर्देश दिया है। अगर यह संभव होता है, तो दिल्ली सरकार बस पास के बदले डीटीसी को एक तय शुल्क का भुगतान करेगी ताकि उसको आर्थिक नुकसान न हो। इसके अलावा, वकीलों की तरह निर्माण श्रमिकों को भी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा मिल सकती है। मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका आंकलन करने को कहा है।
बुधवार को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये दिशा- निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग धनराशि का सकारात्मक और प्रभावी उपयोग करे ताकि पंजीकृत सभी श्रमिकों को लाभ मिल सके। बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग की चल रहीं विभिन्न योजनाओं और उनकी मौजूदा स्थिति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विभाग द्वारा एकत्र किए जाने वाले टैक्स और संसाधनों के इस्तेमाल का ब्यौरा लिया।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट 1996 और इससे जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13.4 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। अप्रैल महीने से इनका नवीनीकरण किया जाएगा। इनमें से लगभग 5.36 लाख कर्मचारी किसी भी समय राज्य में काम करने के लिए मौजूद हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंस्ट्रक्शन वर्कर की परिभाषा बहुत व्यापक है और प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन आदि भी इसमें आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का ठीक से प्रचार-प्रसार किया जाए तो लगभग 25-30 लाख श्रमिक दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से पंजीकृत हो सकते हैं।