हमीरपुर। मौदहा नगर पालिका में पिछले चुनावों में सपा प्रत्याशी को मतदाताओं ने पालिका सुधारने, सवांरने व विकास कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस समय सबसे बड़ा मुद्दा इस दल का भ्रष्टाचार मिटाकर पारदर्शिता व जनता के विश्वास के साथ विकास कार्यों को अंजाम देने का वादा था, लेकिन सपा के नेतृत्व वाली पालिका की सरकार में भ्रष्टाचार का इतना बड़ा बोलबाला रहा कि यहां न सिर्फ पालिका अध्यक्ष बल्कि कि दो अधिशासी अधिकारी व संबंधित तीन ठेकेदार तथा अन्य कर्मियों के विरुद्ध नालों की सफाई व निर्माण कार्यों में किए गए लाखों के घोटाले पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया।
मौदहा नगर पालिका में हुए घोटाले की जांच में दो अधिकारियों को छोड़ अन्य के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट प्रस्तुत कर दी, लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस बार भी सपा अपनी दावेदारी पूरे दमखम से करने जा रही है। अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के आधा दर्जन से अधिक नेता टिकट पाने की उम्मीद में लखनऊ के भी चक्कर लगा रहे हैं। कुछ नेता तो बाकायदा इसके लिए ठेका भी ले रखे हैं।
अब देखना है कि टिकट पार्टी किसे देती है और इस बार कौन सा नारा लेकर सपा के लोग चुनाव में उतरेंगे। वहीं भाजपाई भी कहीं न कहीं से नगर पालिका के भ्रष्टाचार से अपने को पूरी तरह साफ-सुथरी नहीं बता पाएंगे। इस दल के एक खड़े के कुछ नेताओं ने जमकर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के कारनामों पर स्वच्छता की मोहर लगाने व उसे बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भले ही अब सफाई में कुछ भी कहें।
इसी दल के पालिका सदस्य और नेता लगातार अपने ही दल के नेताओं तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लखनऊ तक अपनी आवाज बुलंद करने पहुंच चुके हैं। चुनाव का बिगुल बजने के साथ आचार संहिता लागू हो चुकी है। राजनीतिक दलों के प्रांतीय नेतृत्व को शीघ्र ही अपने प्रत्याशी घोषित करने होंगे। फिलहाल टिकट की दावेदारी में सपा में 12 तो भाजपा में 31 ने टिकट के लिए आवेदन किए हैं।