Wednesday, November 6, 2024

गणतंत्र दिवस परेड में इस बार दिखा महिला शक्ति का अद्भुत नजारा: मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में महिलाएं किस तरह सशक्त होकर समाज तथा राष्ट्र की सेवा में लगी हैं, इसके अद्भुत नजारों की झलक इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में देखने को मिली।

मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 19वीं कड़ी में रविवार को कहा “इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में महिला शक्ति को देखकर हुई। जब कर्त्तव्य पथ पर केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया तो सभी गर्व से भर उठे। महिला बैंड का मार्च, उनका जबरदस्त तालमेल देखकर, देश-विदेश में लोग झूम उठे। इस बार परेड में मार्च करने वाले 20 दस्तों में से 11 दस्ते महिलाओं के ही थे।”

उन्होंने कहा “हमने देखा कि जो झाँकी निकली उसमें भी सभी महिला कलाकार ही थीं। जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, उसमें भी करीब डेढ़ हज़ार बेटियों ने हिस्सा लिया था। कई महिला कलाकार शंख, नादस्वरम और नगाड़ा जैसे भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजा रही थीं। डीआरडीओ ने जो झांकी निकाली, उसने भी सभी का ध्यान खींचा। उसमें दिखाया गया कि कैसे नारी शक्ति जल, थल, नभ,साइबर और आन्तरिक, हर क्षेत्र में देश की सुरक्षा कर रही है। 21वीं सदी का भारत ऐसे ही महिलाओं के नेतृत्व में विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों की दुनिया में भी महिलाएं प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही अर्जुन अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति भवन में देश के कई होनहार खिलाड़ियों और एथलीटों को सम्मानित किया गया था। यहां भी जिस एक बात ने लोगों का खूब ध्यान खींचा, वो थी अर्जुन पुरस्कार पाने वाली बेटियां और उनकी जीवन यात्रा की। इस बार 13 महिला एथिलीट को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें से अनेकों ने बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। शारीरिक चुनौतियां, आर्थिक चुनौतियां, इन साहसी और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के आगे टिक नहीं पाईं। बदलते हुए भारत में, हर क्षेत्र में हमारी बेटियाँ, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं।”

उन्होंने कहा कि एक और क्षेत्र स्वयं सहायता समूह का है जहां महिलाओं ने अपना परचम लहराया है। देश में इन समूह की संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वो दिन दूर नहीं, जब गाँव-गाँव में खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां, ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी| मुझे यूपी के बहराइच में स्थानीय चीजों के उपयोग से जैव उर्वरक, बायो पेस्टिसाइड तैयार करने वाली महिलाओं के बारे में पता चला। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी निबिया बेगमपुर गाँव की महिलाएँ, गाय के गोबर, नीम की पत्तियाँ और कई तरह के औषधीय पौधों को मिलाकर जैव उर्वरक तैयार करती हैं। इसी तरह ये महिलाएं अदरक, लहसुन, प्याज और मिर्च का पेस्ट बनाकर आर्गेनिक पेस्टीसाइड भी तैयार करती हैं। इन महिलाओं ने मिलकर ‘उन्नति जैविक इकाई’ नाम का एक संगठन बनाया है। आसपास के गावों के छह हजार से ज्यादा किसान इनसे जैव उत्पाद खरीद रहे हैं।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय