Friday, November 22, 2024

भारत रत्न डॉ. भीमआर अम्बेडकर के विचार आज भी प्रासंगिकः गजेन्द्र कुमार

मुजफ्फरनगर। भारत रत्न डॉ० भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयन्ती के अवसर पर आज जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें डीआईओएस गजेन्द्र कुमार सहित पूरे स्टाफ ने सर्वप्रथम भारतीय संविधान के निर्माता व भारत रत्न डॉ. बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर के चित्र के समक्ष माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये गये।

 

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष व भारतीय संविधान के जनक के रूप में विश्वविख्यात डॉ॰ भीमराव रामजी अम्बेडकर जी बहुज्ञ विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। जिन्होंने जहाँ एक ओर दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया, वहीं दूसरी ओर श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का भी भरपूर समर्थन किया। डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉ० अम्बेडकर जी स्वतन्त्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारतीय गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। वह विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे तथा उन्होंने स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में 32 डिग्रियाँ भी हासिल कीं।

 

उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा प्रतिपादित संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहाँ संविधान के दिये मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिये मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियाँ भी याद दिलाते हैं। भारतीय संविधान ने भारत को एक सम्प्रभु समाजवादी, धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया और इसने प्रत्येक भारतीय के लिए न्याय विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व की घोषणा की।

 

इस अवसर पर सुशील कुमार वर्मा, प्रमोद चौहान, विनोद कुमार, भारत, प्रमोद शर्मा, अमित कुमार, आशुतोष सिंह, सुदेश कपिल अम्बरीश नितिन संजीव कुमार, अविनाश कुमार, धर्मपाल, गंगाशरण, पवन मेहरा आदि उपस्थित थे।

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