ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शनिवार को हजारों लोग ‘गाजा के लिए मार्च’ नाम से एक बड़े प्रदर्शन में शामिल हुए। इस रैली में लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए और इजरायल के साथ-साथ अमेरिका की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने “फ्री फिलिस्तीन”, “इजरायली हमले बंद करो”, “इजरायली उत्पादों का बहिष्कार करो”, “अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप का बहिष्कार करो” जैसे नारे लगाए। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, कई प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीरों को पीटा और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस प्रदर्शन को बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों जैसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी), हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश और अमार बांग्लादेश पार्टी का समर्थन मिला। कई इस्लामी वक्ताओं ने भी इस रैली में भाग लिया और इजरायल के खिलाफ कड़े शब्दों में विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम देशों के नेताओं से अपील की कि वे इजरायल के साथ सभी तरह के समझौते और राजनयिक संबंध तुरंत खत्म करें। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेशी पासपोर्ट में ‘इजरायल को छोड़कर सभी देशों के लिए मान्य’ वाला पुराना नियम फिर से लागू करने की मांग की।
बांग्लादेश के लोकप्रिय अखबार ‘ प्रथम अलो’ के अनुसार, शनिवार सुबह से ही लोग ढाका के अलग-अलग इलाकों से सुहरावर्दी उद्यान की ओर मार्च करते हुए पहुंचे, जिससे शहर के शहबाग और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक रुक गया। इससे पहले, गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने भी ढाका में गाजा और रफाह के लोगों के समर्थन में रैली निकाली थी। इस सप्ताह की शुरुआत में भी कई इलाकों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई थी। कुछ जगहों पर इजरायल से जुड़े व्यवसायों और विदेशी कंपनियों के आउटलेट्स को भी निशाना बनाया गया। प्रदर्शन को देखते हुए ढाका के राजनयिक इलाकों, खासकर अमेरिकी दूतावास के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश, सशस्त्र पुलिस बल, स्पेशल ब्रांच, सीआईडी, खुफिया एजेंसियों और सेना के जवानों को तैनात किया गया है। गुलशन इलाके के अन्य दूतावासों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। हालांकि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि पहले हुए प्रदर्शनों में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।