Friday, November 8, 2024

गाजियाबाद में रिवार्ड प्वाइंट रिडीम का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन साइबर ठग गिरफ्तार

गाजियाबाद। इंदिरापुरम थाना पुलिस ने क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट रिडीम करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से भारी मात्रा में ठगी में प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा और अन्य सामान बरामद किया गया है। पकड़े गए गिरोह के फरार लोगों की तलाश में पुलिस दबिश देने में जुटी है।

 

एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया देर रात इंदिरापुरम पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम सुशांत कुमार निवासी नंद विहार द्वारिका दिल्ली मूल निवासी तिरवेंद्रम केरला, अमन गोस्वामी निवासी राजनगर कालोनी लोनी बार्डर और सन्नी कश्यप निवासी विकास कुंज फरूखनगर थाना टीला मोड बताए। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह लोगों को क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट रिडीम करने का लालच देकर रुपये ठगते हैं। पकड़े गए आरोपियों से 13 कीपेड मोबाइल, सात एंड्रायड मोबाइल, 30 बेट्री, बड़ी संख्या में क्रेडिट कार्ड धाराकों के नाम और मोबाइल नंबर, चार चेकबुक समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।

 

पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह टेली कालिंग का काम करते हैं। वह क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल कर उन्हें रिवार्ड प्वाइंट रिडीम करने का लालच देते हैं। इसके बाद वह उनसे सारी डिटेल ले लेते हैं और इसके बाद आईमोबाइल पे, माई मोबाइल डॉट इन, लॉगिन कार्ड जैसे फर्जी पोर्टल बनवाकर उक्त डिटेल फीड कर देते हैं। इसके बाद फर्जी साइट और इंटरफेस के माध्यम से प्वाइंट रिडीम करा लेते हैं। प्वाइंट रिडीम करा लेने के बाद वह रुपयों को फर्जी नाम से बनाए गए खातों में ट्रांसफर करा लेते है। इतना ही नहीं वह क्रेडिट कार्ड के रिडीम प्वाइंट से शॉपिंग भी करते हैं।

 

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि एक ट्रेवलर बस उन्हें दिल्ली और गाजियाबाद के अलग अलग स्थानों से बैठाती थी। इसके बाद वह बस इंद्रापुरम क्षेत्र में अलग अलग स्थान पर रूकती थी। बस में उन्हें क्रेडिट कार्ड धारकों की लिस्ट और मोबाइल दिए जाते थे। इसके बाद वह क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल कर उनसे ठगी करते थे। इतना ही नहीं चलती बस में ही कॉल की जाती थी। दिए गए टारगेट के अनुसार उन्हें इंसेंटिव दिया जाता था। फर्जी किराया एग्रीमेंट बनवाकर वह खाते खुलवाते थे जिनमें ठगी की रकम जमा कराई जाती थी।

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