नयी दिल्ली। भारत के जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि अब मिलेट्स की खेती के लिए भारतीय किसानों को प्रोत्साहन देने का समय है। कांत ने यहां ‘मिलेट मंत्रा’ पुस्तक का विमोचन करते हुए यह बात कही।
उन्होंने इस मौके पर कहा, ‘अब मिलेट्स की खेती के लिए भारतीय किसानों को प्रोत्साहन देने का समय है। मिलेट्स एक सुपरफूड है। यह पौष्टिक हैं, कम पानी की जरूरत होती है, और कुपोषण का दुष्चक्र तोड़ सकते हैं। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट उत्पादक देश और ग्लोबल चैंपियन है, जिसका बाजार मूल्य 2025 तक 15 अरब अमेरिकी डॉलर पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मैं, गहन शोध से तैयार की गई जी-20 की संग्रहणीय पुस्तक के माध्यम से भारत के ‘मिलेट मंत्रा’ का समर्थन करने के लिए काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) और ताज होटल की सराहना करता हूं।’
मिलेट मंत्रा और जी-20 अध्यक्षता का उत्सव मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कई प्रमुख अधिकारी, राजनयिक, उद्योगपति और सतत खाद्य प्रणालियों के प्रमुख हितधारक शामिल हुए। ज्वार, बाजरा, रागी और कोदो जैसे अनाज संयुक्त रूप से मिलेट्स कहे जाते हैं।
उन्होंने भारत की जी20 की अध्यक्षता की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें आम सहमति तक पहुंचने के रास्ते में तीन मुख्य चुनौतियां थीं, -ऊर्जा, जलवायु और भू-राजनीति, जिनका एक नई जीडीपी, ग्रीन डेवलपमेंट पैक्ट के माध्यम से समाधान निकाला गया।
उन्होंने मिलेट्स के बारे में कहा, ‘भारत अधिकांश देशों को मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने में सक्षम रहा, जिसे ब्राजील भी अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाएगा।’
सीईईडब्ल्यू और ताज होटल द्वारा तैयार की गई पुस्तक मिलेट मंत्रा: द कलिनरी सेंटरपीस ऑफ इंडियाज जी-20 प्रेसीडेंसी एक गौरवपूर्ण साझेदारी का उदाहरण है, जो मिलेट्स के भविष्य को गढ़ने वाले छोटे किसानों, शेफ और उद्यमियों की कहानियां को सामने लाती है। मिलेट्स की सतत खेती से लेकर उससे स्वादिष्ट बीयर बनाने तक, इस पुस्तक में उन अग्रणी लोगों (चैम्पियंस) की कहानियां शामिल हैं, जो जलवायु-लचीलेपन और पौष्टिक अनाज के ईर्द-गिर्द एक सतत खाद्य प्रणाली तैयार कर रहे हैं।
इस पुस्तक में जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत में आयोजित कार्यक्रमों में परोसे गए मिलेट्स के खास व्यंजनों को बनाने की विधियों को भी शामिल किया गया है।
डॉ अरुणाभा घोष, सीईओ, सीईईडब्ल्यू ने कहा, ‘हम भारत की जी20 अध्यक्षता का जश्न मना रहे हैं, लेकिन 2023 में एक और खास बात हुई थी, वह है इंटरनेशनल इयर ऑफ द मिलेट्स। भारत सरकार और व्यवसायों के नेतृत्व में, भारतीय थाली में मिलेट्स को वापस लाने की पहल का अधिक पौष्टिक लेकिन किफायती भोजन चाहने वाले लोग स्वागत कर रहे हैं। भारत के 12 राज्यों में मिलेट्स की खेती, वितरण और खपत को बढ़ाने वाली नीतियां मौजूद हैं। ओडिशा जैसे कुछ राज्यों ने ‘खेत से चम्मच तक’ का समग्र दृष्टिकोण अपनाया है, जो महिलाओं के नेतृत्व वाले समुदायों सहित छोटे किसानों के बीच एक अच्छी वैल्यू-चेन तैयार करता है।