लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के घेराव के लिए बुधवार को कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। कार्यकर्ता प्रभात पांडेय प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लखनऊ आए थे। उनके शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी पहुंचे। अजय राय ने कहा कि हम गांधी जी की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं। हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने की मंशा से विधानसभा की ओर जा रहे थे।
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मगर, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कांग्रेसजनों की आवाज को दबाने की मंशा से एक दिन पूर्व ही प्रदेश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट करा दिया। वहीं, लखनऊ नहीं आने का दबाव बनाया जा रहा था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री मृतक प्रभात पांडेय के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करे। दूसरी तरफ लखनऊ कमिश्नरेट की डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि गोरखपुर निवासी प्रभात पांडेय को बेहोशी की हालत में कांग्रेस कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार उनके शरीर पर कोई चोट नहीं मिला है।
शव के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पुलिस आगे की विधिक कार्रवाई करेगी। इसके पहले विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ कूच की तैयारी में लगे कांग्रेस नेताओं को बुधवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ही रोक लिया गया और वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। लखनऊ में पार्टी कार्यालय पहुंचे कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और ईको गार्डन में ले जाकर छोड़ दिया। वहीं, जिन नेताओं ने विधान भवन पहुंचने का प्रयास किया, पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। घेराव करने जा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन से लौटने के बाद अजय राय सिविल अस्पताल पहुंचे थे।