Saturday, November 23, 2024

वन्यप्राणियों को बचाने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, कहा तस्करों पर करें कार्रवाई

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने शुक्रवार काे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर हाथियों की मौत मामले में सरकार से कुछ ठोस कदम उठाए जाने और वन्यजीव तस्करों पर भी कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि बांधवगढ़ के जंगलों में 10 हाथियों की मौत का ठीकरा प्रारंभिक रिपोर्ट में भले कोदो के सिर मढ़ दिया गया है, पर बड़ी ही चालाकी से प्रदेश सरकार और सम्पूर्ण वन विभाग ने मामले को डायवर्ड करने कोशिश की है, जो विभाग की नाकामी को इंगित करता है। बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में हाथियों के मारे जाने के पीछे मुख्य कारणों को दरकिनार कर उन लोगों को बचाने की कोशिश में रिपोर्ट को जानबूझकर देरी की गई। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के आसपास तथा कोर एरिया में बने हुए रिसॉर्ट के प्रबंधनों के लिए अचानक हाथियों की आवाजाही रास नहीं आ रही थी? इसलिए सरकार जानबूझकर दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है या वन विभाग का नाकारा तंत्र भ्रष्ट सिस्टम के आगे मजबूर है?

मामले की लीपापोती में जुटी प्रदेश सरकार:
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने आराेप लगाते हुए कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री को हाथियों की मौत की असली वजह को सार्वजनिक करने में कौन रोक रहा है? आखिर आप को किस बात का डर है? संगीता शर्मा ने कहा कि मप्र सरकार की हीलाहवाली के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हाथियों की मौत पर रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि एक तरफ हाथी मौत के आगोश में जा रहे थे तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री और पूरी सरकार जश्न मनाने में जुटी थी। इनके लिए हाथियों की मौत से ज्यादा सरकारी इवेंट महत्वपूर्ण था ? वहीं भ्रष्ट वन महकमा और उसके जिम्मेदार अफसरान अपनी ही धुन में मस्त थे।

लगातार मौत पर भी नहीं जाग रही सरकार:
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की नाकामी का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि विगत 3 साल में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में 93 बाघों की मौत होने पर भी सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया? क्या सरकार वन्यप्राणी तस्करों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है? यदि नहीं तो इतने बड़े स्तर पर बाघ और हाथियों की मौत पर महज टास्कफोर्स बनाने और 2 अफसरों को निलंबित करने की खानापूर्ति कर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश नहीं करते ? बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की घटना के बाद तो ऐसा लगने लगा है

कि मध्यप्रदेश वन्य प्राणियों की कब्रगाह बनता जा रहा है। पहले नामीबिया से आए चीतों की लगातार मौत फिर बाघों की मौत, सिवनी में 54 गोवंश के कटे हुए शव मिले किसी का गला रेता, किसी के पैर कटे मिले थे और अब हाथियों की मौत देख कर तो यही लगने लगा है कि मध्यप्रदेश सरकार ही तो वन्यप्राणी तस्करों के साथ तो नहीं मिली है।? उन्होंने मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से आग्रह है किया है कि मध्यप्रदेश को वन्य प्राणियों की कब्रगाह बनने से पहले कुछ ठोस कदम उठाए तथा तस्करों के लिए भी ठोस कार्रवाई करें।

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