नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत बचाव और राहत कार्यो में शामिल हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य संगठनों के सदस्यों के साथ बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की। एनडीआरएफ टीमों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में भारत ने आत्मनिर्भर के साथ-साथ एक निस्वार्थ देश के रूप में अपनी पहचान मजबूत की है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव दलों ने मानवता की सेवा की है और देश को गौरवान्वित किया है।
भारत उन पहले कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने भारी भूकंप आने के कुछ घंटों के भीतर प्रभावित देशों में बचाव दलों को भेजा था। 6 फरवरी को तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने पड़ोसी सीरिया को भी प्रभावित किया था। अब तक इसमें 45 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
पीएमओ ने 6 फरवरी को ही एक बैठक की थी और उसके तुरंत बाद ऑपरेशन दोस्त के तहत बचाव और राहत दलों को तुर्की और सीरिया भेजा गया था। राहत सामग्री के अलावा, भारत ने तुर्की और सीरिया के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 250 सैन्य कर्मियों के अलावा मोबाइल अस्पताल और विशेष बचाव दल भेजा था।
मोदी ने बचाव कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि “जब भी कोई संकट आता है तो भारत हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहता है। हम दुनिया को परिवार मानते हैं और संकट में किसी भी सदस्य की तुरंत मदद करना अपना कर्तव्य समझते हैं।”
150 से अधिक विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों के साथ एनडीआरएफ की तीन आत्मनिर्भर टीमों के साथ-साथ एक डॉग स्क्वायड और विशेष वाहनों को भी तुर्की भेजा गया था। आपातकालीन दवाएं, उपकरण और चिकित्सा सामग्री भी सीरिया भेजी गई।