झांसी। उत्तर प्रदेश में झांसी के साइबर सेल और थाना कटेरा तथा थाना पूंछ थाना पुलिस टीम को बुधवार को दो शातिर साइबर फ्रॉड को पकड़ने में सफलता मिली। यह लोग जल्द से जल्द लाखों कमाने का लालच लोगों को देकर जावा एप में निवेश कराकर लाखों की ठगी को अंजाम देते थे।
पुलिस लाइन के सभागार में इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक-नगर (एसपी-सिटी) ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि जावा एप के माध्यम से ठगी को अंजाम देने वाले दो साइबर फ्रॉड पुलिस के हाथ लगे हैं। आरोपियों की पहचान अनुज तिवारी निवासी महेवा चक्र -01 थाना लिधौरा जनपद टीकमगढ मध्य प्रदेश और अंकित निवासी कस्ब पूंछ थाना पूंछ झांसी के रूप में की गयी है।
आरोपियों के पास से तीन लाख 93 हजार रूपये बरामद किये गये हैं। इसके अलावा दो मोबाइल फोन, एसबीआई का एक रूपे कार्ड, तीन वाहन आरसी, दो डीएल, एक पैनकार्ड, एक एटीएम कार्ड, 715 विजिटिंग कार्ड, जावा आई कंपनी के आठ पोस्टर, 27 स्टीकर आदि सामान बरामद किया गया है।
यह दोनों जावा एप के माध्यम से 25 दिन में पैसा दोगुना करने का लालच देकर लोगों को अपने चंगुल में फंसाते थे। अपनी बात पर लोगों को भरोसा दिलाने के लिए वह कुछ दिनों में एक या दो डॉलर उनके वॉलट में बोनस के रूप में भी पहुंचा देते थे। ईनाम के तौर पर इंडोनेशिया ट्रिप जैसे लालच भी दिया करते थे। अंत में एप बंद कर कंपनी भाग गयी और जिन्होंने पैसा लगाया था उन सभी का पैसा डूब गया। इस मामले में शिकायतें मिलने पर पुलिस टीमेें इनकी धरपकड़ के लिए काम कर रहीं थीं इसी क्रम में दो आरोपियों पर शिकंजा कसने में कामयाबी मिली है।
पकड़े गये दोनों आरोपी भी इंडोनेेशिया ट्रिप पर जा चुके हैं। दोनों की शैक्षिक योग्यता बेहद सामान्य है लेकिन दोनों ही शातिर साइबर ठग हैं। यह न केवल जावा एप बल्कि फिनटच, पॉली और रूबल नाम के अलावा और न जाने कितने एप बनाकर ठगी को अंजाम देते थे।
पुलिस ने बताया कि यह दोनों पिछले पांच छह माह से काम कर रहे थे। अभी जांच में दो पकड़े गये हैं, यदि और शिकायतें आतीं हैं तो पुलिस आगे भी कारवाई जारी रखकर शिकंजा कसेगी। लगातार इस नेटवर्क पर काम किया जायेगा और अन्य सभी को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा।
एसपी सिटी ने लोगों से ऐसे साइबर अपराधों से निपटने के लिए जागरूकता को सबसे बड़ा हथियार बताया और लोगों से अपील की कि किसी गैर पहचान वाले नंबर, फेसबुक या किसी मैसेंजर से कोई कॉल या मैसेज आये, बैंक के कस्टमर केयर के नंबर पर फोन करते हुए या इन नंबरों से मैसेज या कॉल आने पर अतिरिक्त सावधानी बरतें। साइबर अपराधों के मामले में जागरूकता ही बचाव है।