मुजफ्फरनगर। सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं से डॉक्टर संजीव कुमार बालियान द्वारा उमेश मलिक पूर्व विधायक, सुभाष चौधरी अध्यक्ष पीजेंट वेलफेयर के साथ सिविल बार एसोसिएशन परिसर में मुलाकात की गई।
मुलाकात के दौरान अधिवक्ताओं ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों पर कराया। अधिवक्ताओं द्वारा केंद्रीय मंत्री के समक्ष यह मांग रखी गई कि राज्य सरकार द्वारा 4 अगस्त 2022 को जारी अधिसूचना को निरस्त फरमा कर पूर्व की भांति ही भूमि अधिग्रहण से संदर्भित अपीलों का निस्तारण किया जाए।
पूर्व में भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी अपील संबंधित जनपद न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत की जाती थी, परंतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 4 अगस्त 2022 को जारी अधिसूचना में प्रस्तावित किया गया है, कि भूमि अधिग्रहण की अपील सुनवाई हेतु एक या दो मंडल को इकट्ठा कर एक नवगठित प्राधिकरण के द्वारा निस्तारित कराए जाने की व्यवस्था की गई, जिससे किसानों पर मंडल स्तर पर जाकर मामलों की पैरवी करना मुश्किल होगा तथा समय व धन का अपव्यय होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक जब एक जनपद के मामले जनपद में कई सक्षम न्यायालय होने के बावजूद भी त्वरित रूप से निस्तारित नहीं हो रहे थे, तो एक या दो मंडल के मामलों के निस्तारण में अत्याधिक देरी होनी ही है, जैसे कि मेरठ मंडल के मामले जिसमें मेरठ के पांच जनपद और सहारनपुर के तीन जनपद के मामले एक सक्षम अधिकारी को ही अंतरित किए गए हैं।
वकीलों ने कहा कि इस स्थिति में सभी जनपदों को सप्ताह में एक कार्य दिवस भी उपलब्ध होना संभव नहीं लगता है। इस स्थिति में त्वरित निस्तारण की अपेक्षा करना कोरी परिकल्पना ही होगी, ऐसी परिस्थिति में जनहित में इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पूर्व स्थिति को लागू कराए जाने की मांग की गई, जिस पर केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा सभी अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया गया कि वह इस संबंध में अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
इस अवसर पर सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दीक्षित, सिविल बार एसोसिएशन के महासचिव ब्रिजेंद्र मलिक, राजेंद्र पवार, पीडी त्यागी, श्यामवीर सिंह, रविंद्र सहरावत, नेत्रपाल सिंह, नरेश चंद गुप्ता, जितेंद्र पाल सिंह, अरुण धारीवाल, योगेंद्र सहरावत, देवेंद्र राठी, सत्येंद्र कुमार, अंकित चौधरी, सुधीर कुमार, मुनव्वर बालियान, अशोक कुशवाहा, राज सिंह रावत, प्रवीण खोकर, सोहनलाल, सौरभ कुमार, धीरेन, विजेंद्र प्रताप, मनोज त्यागी, अनुराग त्यागी, सतेंद्र सैनी, आनंद कुमार, अन्नू कुचल, अभिनव अग्रवाल, निपुण जैन, आदेश सैनी, आदिल सैफी, मीना पुंडीर, नीरज ऐरोन अर्जुन, प्रवीण कुमार, ध्रुव मित्तल, हरीश सैनी, अरविंद सैनी, संत कुमार आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।
पूर्व में भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी अपील संबंधित जनपद न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत की जाती थी, परंतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 4 अगस्त 2022 को जारी अधिसूचना में प्रस्तावित किया गया है, की भूमि अधिग्रहण की अपील सुनवाई हेतु एक या दो मंडल को इकट्ठा कर एक नवगठित प्राधिकरण के द्वारा निस्तारित कराए जाने की व्यवस्था की गई, जिससे किसानों पर मंडल स्तर पर जाकर मामलों की पैरवी करना मुश्किल होगा तथा समय व धन का अपव्यय होगा।
अभी तक जब एक जनपद के मामले जनपद में कई सक्षम न्यायालय होने के बावजूद भी त्वरित रूप से निस्तारित नहीं हो रहे थे, तो एक या दो मंडल के मामलों के निस्तारण में अत्याधिक देरी होनी ही है, जैसे कि मेरठ मंडल के मामले जिसमें मेरठ के पांच जनपद और सहारनपुर के तीन जनपद के मामले एक सक्षम अधिकारी को ही अंतरित किए गए हैं । इस स्थिति में सभी जनपदों को सप्ताह में एक कार्य दिवस भी उपलब्ध होना संभव नहीं लगता है ।
इस स्थिति में त्वरित निस्तारण की अपेक्षा करना कोरी परिकल्पना ही होगी, ऐसी परिस्थिति में जनहित में इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पूर्व स्थिति को लागू कराए जाने की मांग की गई, जिस पर केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा सभी अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया गया कि वह इस संबंध में अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
इस अवसर पर सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दीक्षित, सिविल बार एसोसिएशन के महासचिव ब्रिजेंद्र मलिक, राजेंद्र पवार, पीडी त्यागी, श्यामवीर सिंह, रविंद्र सहरावत, नेत्रपाल सिंह, नरेश चंद गुप्ता, जितेंद्र पाल सिंह, अरुण धारीवाल, योगेंद्र सहरावत, देवेंद्र राठी ,सत्येंद्र कुमार ,अंकित चौधरी, सुधीर कुमार, मुनव्वर बालियान, अशोक कुशवाह, राज सिंह रावत, प्रवीण खोकर, सोहनलाल, सौरभ कुमार, धीरेन, विजेंद्र प्रताप, मनोज त्यागी, अनुराग त्यागी, सतेंद्र सैनी, आनंद कुमार, अन्नू कुचल, अभिनव अग्रवाल , निपुण जैन, आदेश सैनी , आदिल सैफी , मीना पुंडीर, नीरज ऐरोन अर्जुन, प्रवीण कुमार, ध्रुव मित्तल, हरीश सैनी, अरविंद सैनी, संत कुमार आदि अधिवक्ता गण उपस्थित रहे ।